HEMANT SOREN ATTACKS BJP : कोई डरा या झुका नहीं सकता, बीजेपी पर सीएम सोरेन का हमला
HEMANT SOREN ATTACKS BJP
झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (HEMANT SOREN ATTACKS BJP) ने सदन में विपक्ष, खासकर बीजेपी पर तीखा हमला बोला। अपने संबोधन की शुरुआत में ही उन्होंने बीजेपी विधायकों की अनुपस्थिति पर तंज कसते हुए कहा कि लोकतंत्र में जब सरकार का एक साल पूरा होने पर विपक्ष को आईना दिखाना चाहिए,
तब वे सदन से नदारद हैं (Jharkhand Assembly)। उन्होंने स्पष्ट किया कि झारखंड 25 साल का हो चुका है और इसे अब कोई डरा या झुका नहीं सकता ।
केंद्र पर छात्रों के साथ ‘नाइंसाफी’ का आरोप
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा गैर-भाजपा शासित राज्यों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। उन्होंने केंद्र पर छात्रवृत्ति और शिक्षा अनुदान में भारी कटौती करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से अनुसूचित जनजाति के बच्चों के लिए उच्च शिक्षा फेलोशिप में 90 प्रतिशत और राष्ट्रीय विदेश छात्रवृत्ति में 95 प्रतिशत तक की कटौती की गई है। अल्पसंख्यक समुदाय की छात्रवृत्ति में भी 40 से 63 प्रतिशत तक की कटौती हुई है।
सीएम ने कहा कि उनकी सरकार छात्रों के हित में गुरुजी क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 15 लाख तक का ऋण दे रही है, सावित्री बाई फूले योजना चला रही है और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुफ्त कोचिंग तथा शिक्षकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था कर रही है ।
(HEMANT SOREN ATTACKS BJP) राष्ट्रीय मुद्दों पर केंद्र को घेरा
हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार की नीतियों और देश की वर्तमान स्थिति को लेकर तीखे सवाल उठाए। सीएम ने आरोप लगाया कि हर बड़ी घटना को जानबूझकर ‘डायवर्ट’ कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि इंडिगो संकट या महंगाई पर बात करने के बजाय, लोकसभा में ‘वंदे मातरम’ पर बहस होती है, जिससे न तो गरीबी कम होगी और न ही रोज़गार सृजित होगा।
सोरेन ने कहा कि देश की आर्थिक स्थिति बदहाल है। “हवाई चप्पल पहनने वालों को हवाई जहाज में चढ़ाने” का वादा किया गया था, लेकिन अब “जो हवाई जहाज में चढ़ रहे हैं, उन्हें हवाई चप्पल पहनने को विवश किया जा रहा है।” उन्होंने कहा कि घुसपैठ और आतंकवाद से जुड़े मुद्दे भारत सरकार के अधीन हैं, लेकिन सूचना तंत्र विफल साबित होता है।
जंगलों को उजाड़ने की कोशिश का आरोप
सीएम (HEMANT SOREN ATTACKS BJP) ने आरोप लगाया कि देश के सुरक्षाबल आदिवासी इलाकों में इसलिए लगाए जा रहे हैं ताकि जंगलों को उजाड़कर व्यापारिक मित्रों को सौंपा जा सके, जिससे स्थानीय लोगों में असंतोष बढ़ रहा है।
इसके साथ ही उन्होंने कोविड वैक्सीन की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि हाल ही में जो तथ्य सामने आए हैं, वह अनुसंधान का विषय हैं और इसकी जांच होनी चाहिए कि वैक्सीन सही थी या नहीं, क्योंकि लोग अपंग हो रहे हैं, हार्ट अटैक और कैंसर के शिकार हो रहे हैं।
