Hemant Soren : सोरेन सरकार का बड़ा कदम, अब गरीब छात्र भी बन सकेंगे डॉक्टर
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रांची, नवप्रदेश। झारखंड सरकार के एक फैसले से मेडिकल की तैयारी कर रहे छात्रों को बड़ी राहत मिली है। झारखंड में निजी मेडिकल कॉलेज की 50% सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेज के लिए निर्धारित शुल्क लगेगी।
यह फैसला नेशनल मेडिकल कमीशन के अनुशंसा पर लिया गया है। मामले पर स्वास्थ्य विभाग ने झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा को पत्र लिखकर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
मेडिकल की तैयारी कर रहे बच्चों को बड़ी राहत
झारखंड के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले छात्रों को सालाना फीस के रूप में करीब 50 हजार रुपये चुकाने पड़ते हैं। जबकि निजी मेडिकल कॉलेजों की सालाना फीस करीब 12 से 15 लाख रुपए होती है।
इस तरह एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने में लगभग 50 से 60 लाख रुपये लग जाते हैं। किसी आम या गरीब परिवार के लिए इतना पैसा जुटा पाना बेहद मुश्किल होता है।
झारखंड में दो निजी मेडिकल कॉलेज हैं। इनमें से टाटा स्थित मनिपाल मेडिकल कॉलेज में 140 और पलामू में लक्ष्मी चंद्रवंशी मेडिकल कालेज में 100 सीटें उपलब्ध हैं।