Havoc of Corona : बड़ी खबर...! भारत में तबाही नहीं मचा पाया चीनी वैरिएंट...क्यों-कैसे यहां पढ़ें

Havoc of Corona : बड़ी खबर…! भारत में तबाही नहीं मचा पाया चीनी वैरिएंट…क्यों-कैसे यहां पढ़ें

Havoc of Corona: Big news...! Chinese variant could not create havoc in India… why and how read here

Havoc of Corona

नई दिल्ली/नवप्रदेश। Havoc of Corona : चीन में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच भारत के लिए अच्छी खबर यह है कि चीनी वेरिएंट BF.7 भारत में तबाही नहीं मचा पाया। हालांकि चीन के हालात को देखते हुए केंद्र सरकार अलर्ट पर है। कोरोना को लेकर बैठकों का दौर भी शुरू हो गया है। देश में कोविड-19 की स्थिति पर बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने वरिष्ठ अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ बैठक की। 

चीनी वैरिएंट सितंबर महीने में ही भारत आ गया

मंडाविया ने बताया कि कोरोना का खतरनाक चीनी वैरिएंट BF.7 सितंबर महीने में ही भारत आ गया था। वडोदरा में एक एनआरआई महिला में इसके लक्षण मिले थे। महिला अमेरिका से वडोदरा आई थी। उसके संपर्क में आए दो अन्य लोगों की भी जांच हुई थी। हालांकि उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। बाद में महिला ठीक हो गई थी। इसके अलावा BF.7 के दो अन्य केस अहमदाबाद और ओडिशा में भी मिले थे।

भारत में तबाही नहीं मचा पाया चीनी वैरिएंट

आशंकाओं के बीच इन आंकड़ों ने एक बड़ी राहत भी दी है। जिस वैरिएंट BF.7 ने चीन में तबाही मचा दी है, उसका खास असर भारत में अब तक देखने को नहीं मिला है। ये खतरनाक वैरिएंट सितंबर में ही भारत में दस्तक दे चुका है, लेकिन तबाही नहीं मचा पाया। अब तक इससे संक्रमित महज चार ही मरीज मिले हैं। इस तरह से देखा जाए तो भारत ने अपनी पुख्ता तैयारियों और सावधानियों के बदौलत इसके संक्रमण पर रोक लगाने में कामयाबी पाई है। हालांकि, अभी इसे लेकर और एहतियात बरतने की जरूरत है। 

बड़े पैमाने पर हुए टीकाकरण ने बचाया

देश में बड़े पैमाने पर हुए टीकाकरण ने कोरोना संक्रमण (Havoc of Corona) रोकने में अहम भूमिका निभाई है। करोड़ों लोगों को बूस्टर डोज भी दी गई थी, जिसका असर अब साफ दिख रहा है। सितंबर से दिसंबर का महीना कोरोना संक्रमण के लिए आदर्श माना जाता है, सर्दियों में ये अधिक तेजी से फैलता है। लेकिन इन तीन महीनों में सामने आए चार केस बता रहे हैं कि बड़े पैमाने पर चलाए गए टीकाकरण अभियान ने अपना असर दिखाया है। भारत में प्रमुख रूप से दो वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन लोगों को दी गई थी। इसमें भारत बायोटेक की कोवैक्सीन पूरी तरह स्वदेशी है। 

भारत में वैक्सीनेशन का आंकड़ा 220 करोड़ पार 

स्वास्थ्य मंत्री ने 19 दिसंबर को संसद में बताया था कि भारत में वैक्सीनेशन का आंकड़ा 220 करोड़ को पार कर चुका है। यह संख्या कोरोना की सभी उपलब्ध वैक्सीन की पहली, दूसरी और एहतियाति डोज को मिलाकर है। देश में 18 जनवरी 2021 को दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किया गया था। विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत जैसे देश को खतरा नहीं है, क्योंकि हमारे देश में वैक्सीनेशन के तीन दौर हो चुके हैं। लोगों में इम्यूनिटी पैदा हो चुकी है। कोरोना तो भारत में भी हर जगह होगा, लेकिन वह अब हम पर इसीलिए असर नहीं कर रहा। अब कोरोना का भारत में बड़ा खतरा नहीं है।

चीन को लेकर शुरू से ही दुनिया को आशंका

वहीं, चीन को लेकर शुरू से ही दुनिया को आशंका थी। उसकी वैक्सीन पर भी विश्व जगत को कभी भरोसा नहीं था। भारत की तरह चीन में बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान भी नही चला था। लोगों को जोर-जबरदस्ती घरों में कैद किया गया। भीड़ को इकट्ठा होने से जरूर रोका गया, लेकिन लोगों में इम्युनिटी विकसित करने पर चीन का जोर कम ही रहा। आज वह इसी गलती को भुगत रहा है। 

चीन में अगले कुछ महीनों में 80 करोड़ लोग कोरोना संक्रमित (Havoc of Corona) हो सकते हैं। लंदन की ग्लोबल हेल्थ इंटेलिजेंस कंपनी एयरफिनिटी ने कहा कि चीन में जीरो कोविड पॉलिसी खत्म होने के बाद 21 लाख मौतें हो सकती हैं। एयरफिनिटी ने इसकी वजह चीन में कम वैक्सीनेशन और एंटीबॉडीज में कमी बताया। चीन में सख्त प्रतिबंध खत्म होने के बाद एक बार फिर कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा है। चूंकि सर्दियों में संक्रमण ज्यादा फैलेगा, इसलिए अगले साल 10 लाख मौतें होने की आशंका भी है। 

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