शेयर बाजार में हाहाकार ! 'इन' 5 बड़ी वजहों से धड़ाम हुआ बाजार, क्या गिरावट बढ़ेगी या थमेगी?

शेयर बाजार में हाहाकार ! ‘इन’ 5 बड़ी वजहों से धड़ाम हुआ बाजार, क्या गिरावट बढ़ेगी या थमेगी?

Havoc in the stock market! The market crashed due to 'these' 5 big reasons, will the decline increase or stop?

Stock market crash

नई दिल्ली। Stock Market Crash: डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ घोषणा से दुनिया भर के बाजारों में हलचल मच गई है। घरेलू शेयर बाजार में ऐतिहासिक गिरावट देखी गई। सेंसेक्स में 3,000 अंकों की गिरावट आई, जबकि निफ्टी में 1,200 अंकों की गिरावट आई। हालाँकि, बाजार बंद होने पर निचले स्तर से उबर गया। टैरिफ युद्ध और वैश्विक मंदी की चिंताओं के कारण आज बाजार में व्यापक गिरावट आई। रिलायंस, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, इंफोसिस, एचसीएल टेक जैसे शेयरों में 10 फीसदी तक की गिरावट आई है। इस झटके से निवेशकों को 19 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।

वैश्विक बिक्री

ट्रम्प की टैरिफ धमकी से दुनिया भर के बाजारों में बिकवाली का दबाव पैदा हो गया। ऐसा प्रतीत होता है कि ट्रम्प प्रशासन टैरिफ निर्णय को पलटने के मूड में नहीं है। इसका असर आज भारतीय बाजार पर भी महसूस किया गया है।

बाजार में मंदी की चिंताएं बढ़ गई हैं

ट्रम्प प्रशासन ने 180 से अधिक देशों पर टैरिफ लगाया है। इससे बाजार में अस्थिरता और चिंता बढ़ गई है। इस मुद्दे को बातचीत के माध्यम से शीघ्र हल किये जाने की उम्मीदें धूमिल हो गयी हैं। इसलिए, संयुक्त राज्य अमेरिका सहित दुनिया भर के देशों में मंदी का खतरा बढ़ गया है। विशेषज्ञों ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारतीय बाजार में और गिरावट आने की संभावना जताई है।

बढ़ती मुद्रास्फीति का खतरा

बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रम्प के टैरिफ (Stock Market Crash) से दुनिया भर में मुद्रास्फीति बढ़ेगी, जिससे कॉर्पोरेट मुनाफे में कमी आएगी। इससे कंपनियों की आय कम हो जाएगी। इतना ही नहीं, ऐसी आशंका भी है कि इससे उपभोक्ता भावना पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा तथा आर्थिक विकास पर भी असर पड़ेगा।

विदेशी निवेशकों को पुन: बिक्री

पिछले महीने विदेशी निवेशकों ने बिकवाली बंद कर दी और खरीदारी शुरू कर दी। हालाँकि टैरिफ के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अप्रैल में एक बार फिर भारतीय शेयरों की बिक्री शुरू कर दी। इस महीने (शुक्रवार) तक एफपीओ ने नकद खंड में 13,730 करोड़ रुपये मूल्य के भारतीय शेयर बेचे हैं। इससे बाजार में गिरावट भी बढ़ गई है।

आरबीआई की बैठक

आरबीआई एमपीसी की तीन दिवसीय बैठक 7 अप्रैल से शुरू हो गई है। निवेशकों को उम्मीद है कि आरबीआई बढ़ते वैश्विक जोखिमों के मद्देनजर नीतिगत ब्याज दरों में कटौती करेगा।

बाजार विशेषज्ञ क्या कहते हैं?

शेयर बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार की स्थिति सुधरने में समय लगेगा। क्योंकि भारतीय बाजारों पर टैरिफ के बादल छाये हुए हैं। यदि निवेशक लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं तो यह निवेश करने का सही समय है। ट्रम्प के टैरिफ का सबसे बड़ा असर ऑटो सेक्टर पर देखा जा रहा है। भारतीय बाजार को स्थिर होने में दो से तीन महीने लग सकते हैं। विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव सभी क्षेत्रों पर पड़ेगा।

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