Hapur electricity scam : हापुड़ ऊर्जा निगम में बड़ा खेल…एस्टीमेट से अनिवार्य शुल्क हटाकर दिया कनेक्शन…निगम को लाखों का नुकसान…

हापुड़, 28 मई| Hapur electricity scam : गढ़ डिवीजन स्थित ऊर्जा निगम में एक और घोटाले की परतें खुलने लगी हैं। इस बार मामला व्यावसायिक कनेक्शन के एस्टीमेट में गड़बड़ी से जुड़ा है, जिसमें अनिवार्य शुल्क जैसे लेबर चार्ज और सुपरविजन फीस को जानबूझकर हटा दिया गया। इससे निगम को 30 से 40 प्रतिशत तक का सीधा आर्थिक नुकसान हुआ है।
तीन बार बदला गया एस्टीमेट, गड़बड़ी आई सामने
प्राप्त जानकारी के अनुसार, शुरूआती एस्टीमेट की राशि ₹5 लाख से अधिक थी, जिसे रिवाइज कर ₹4.5 लाख किया गया, और अंत में इसे ₹3.30 लाख तक घटा दिया गया। यह कटौती मामूली नहीं थी, बल्कि इस प्रक्रिया (Hapur electricity scam)में:
₹84,000 का लेबर चार्ज
₹60,000 का सुपरविजन शुल्क
और ₹16,000 से ज्यादा का जीएसटी
हटा दिया गया, जिससे न केवल नियमों की अवहेलना हुई, बल्कि सीधे राजस्व की भी हानि हुई।
स्टील पोल हटाकर लगाया गया सस्ता सिमेंट पोल
एस्टीमेट में पहले ₹15,000 कीमत का स्टील पोल शामिल था, जिसे बाद में ₹2,721 कीमत वाले सिमेंट पोल से बदल दिया गया। इस फेरबदल से गुणवत्ता और (Hapur electricity scam)लागत, दोनों पर सवाल उठने लगे हैं।
प्रपत्र-4 घोटाले में भी करोड़ों का खेल दबाया गया
गढ़ डिवीजन पहले भी विवादों में रहा है। बिजली चोरी से जुड़े प्रपत्र-4 नोटिसों में करोड़ों का गबन किया गया था, जिसकी जांच रिपोर्ट विजिलेंस ने सौंपी भी थी, लेकिन उच्च अधिकारियों की संलिप्तता के कारण जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया (Hapur electricity scam)गया।
लाइन शिफ्टिंग में भी नियमों की अनदेखी
अटूटा क्षेत्र में एस्टीमेट तार ऊंचा करने का था, लेकिन मौके पर दो 33 केवी की लाइनें शिफ्ट कर दी गईं। इस मामले में एक जेई को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं, अवर अभियंता का कहना है कि उन्हें मौखिक निर्देश पर कार्य कराया गया और अब उन्हें फंसाया जा रहा है।
क्या बोले अधिकारी?
“मामला संज्ञान में आया है, जांच की जा रही है। अगर अनियमितताएं पाई गईं, तो कड़ी कार्रवाई होगी।”
— एस.के. अग्रवाल, अधीक्षण अभियंता, ऊर्जा निगम