Gut Health And Diabetes : पेट का अलार्म: जब ब्लड शुगर से पहले आंतें देती हैं डायबिटीज़ की दस्तक
Gut Health And Diabetes
डायबिटीज़ को लेकर आम धारणा यही है कि बीमारी का पहला संकेत बढ़ा हुआ ब्लड शुगर होता है। लेकिन विशेषज्ञों की मानें, तो कई बार शरीर इससे पहले ही चेतावनी (Gut Health And Diabetes) दे देता है—और वह चेतावनी पेट से शुरू होती है। हमारी आंतें सिर्फ खाना पचाने का काम नहीं करतीं, बल्कि हार्मोन बैलेंस, इम्युनिटी और दिमागी सतर्कता तक में भूमिका निभाती हैं। यही वजह है कि जब गट हेल्थ बिगड़ती है, तो उसका असर मेटाबॉलिज़्म पर दिखने लगता है।
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट और हेपेटोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ सेठी के मुताबिक, कई लोगों में डायबिटीज़ की शुरुआत ब्लड शुगर रिपोर्ट से नहीं, बल्कि पेट से जुड़ी छोटी-छोटी परेशानियों से होती है, जिन्हें अक्सर नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है। यही लापरवाही आगे चलकर इंसुलिन रेजिस्टेंस और टाइप-2 डायबिटीज़ का रास्ता खोल देती है।
पेट की ये तकलीफें क्यों बनती हैं खतरे की घंटी?
अगर आपको बार-बार गैस, पेट भारी लगना, बिना वजह सूजन, या हल्का-सा खाने के बाद भी थकान महसूस होती है, तो इसे सामान्य समझकर टालना (Gut Health And Diabetes) ठीक नहीं। ये संकेत बताते हैं कि शरीर ग्लूकोज़ को सही ढंग से इस्तेमाल नहीं कर पा रहा। नतीजा—ऊर्जा की जगह फैट जमा होने लगता है, खासकर पेट के आसपास।
इंसुलिन रेजिस्टेंस: बीमारी से पहले की अवस्था
इंसुलिन रेजिस्टेंस का मतलब है कि शरीर में इंसुलिन मौजूद होने के बावजूद कोशिकाएं उस पर ठीक से प्रतिक्रिया नहीं करतीं। इसका असर सबसे पहले पेट की चर्बी, लगातार सुस्ती और त्वचा के रंग में हल्के बदलाव के रूप में दिखता (Gut Health And Diabetes) है। कई लोगों को लगता है कि जब तक शुगर रिपोर्ट न बढ़े, तब तक चिंता की बात नहीं—जबकि असल में यहीं से समस्या शुरू हो चुकी होती है।
डिहाइड्रेशन और दिमागी संकेत
पानी की कमी को भी अक्सर कम आंका जाता है। आमतौर पर लोग सोचते हैं कि डिहाइड्रेशन का मतलब सिर्फ प्यास लगना है, लेकिन शुरुआती संकेत इससे अलग होते हैं—जैसे दिमाग का भारी लगना, फोकस में कमी, और मीठा खाने की तेज़ क्रेविंग। शरीर को पर्याप्त पानी न मिले, तो ब्लड शुगर का संतुलन भी बिगड़ने लगता है।
खाना खाने के बाद अचानक थकान—संयोग नहीं
अगर भोजन के दो घंटे बाद अचानक एनर्जी क्रैश होता है, नींद आने लगती है या काम में मन नहीं लगता, तो यह खराब ब्लड शुगर कंट्रोल का शुरुआती इशारा (Gut Health And Diabetes) हो सकता है। यह वह स्टेज है, जहां लाइफस्टाइल में छोटे बदलाव—जैसे संतुलित डाइट, रोज़ाना वॉक, और पर्याप्त नींद—बड़ी बीमारी को टाल सकते हैं।
गट हेल्थ सुधरेगी, तो शुगर भी काबू में रहेगी
विशेषज्ञ मानते हैं कि फाइबर से भरपूर भोजन, प्रोबायोटिक फूड्स, और प्रोसेस्ड शुगर से दूरी गट माइक्रोबायोम को मजबूत बनाती है। जब आंतें स्वस्थ रहती हैं, तो इंसुलिन की संवेदनशीलता भी बेहतर होती है। यही कारण है कि पेट की सेहत को नजरअंदाज़ करना, डायबिटीज़ को न्योता देने जैसा है।
समय रहते पहचान ही सबसे बड़ा इलाज
डायबिटीज़ कोई एक दिन में होने वाली बीमारी नहीं है। यह धीरे-धीरे शरीर में जगह बनाती है, और पेट इसके शुरुआती संकेत दे देता है। अगर इन संकेतों को समय पर समझ लिया जाए, तो दवाइयों की जरूरत पड़ने से पहले ही हालात काबू में लाए जा सकते हैं।
