GST Rate Cut : टैक्स रेट कम, फिर भी दाम ज्यादा! 3000 से ज्यादा शिकायतों पर सरकार सख्त

GST Rate Cut
GST Rate Cut : सरकार ने कुछ प्रमुख ई-कामर्स कंपनियों से यह बताने को कहा है कि (GST Rate Cut) दरों में हालिया कटौती के बाद भी कुछ उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी क्यों की गई। 22 सितंबर से लागू हुई नई जीएसटी व्यवस्था ने पिछली चार स्तरीय कर संरचना को पांच प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो मुख्य स्लैब में बदल दिया था। इस बदलाव का उद्देश्य कर का बोझ कम करना और उपभोक्ताओं को महंगाई से राहत पहुंचाना है।
दरअसल, एक ई-कामर्स प्लेटफार्म ने तकनीकी गड़बड़ी का हवाला देते हुए (GST Rate Cut) के बाद ज्यादा कीमतों का विज्ञापन दिया था। बाद में कंपनी ने कीमतों में सुधार किया। अधिकारियों ने कहा है कि सरकार 50 से ज्यादा उत्पादों की कीमतों की समीक्षा कर रही है और देशभर में क्षेत्रीय टीमें अनुपालन की निगरानी कर रही हैं।
इस बीच, उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने हाल ही में कहा कि विभाग को कंपनियों द्वारा खरीदारों को (GST Rate Cut) का लाभ नहीं देने के बारे में 3,000 से ज्यादा शिकायतें मिली हैं। एक कार्यक्रम में खरे ने बताया कि हर दिन शिकायतें आ रही हैं और मंत्रालय उन्हें आगे की कार्रवाई के लिए केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) को भेज रहा है।
उन्होंने कहा, “मुख्य ध्यान भ्रामक विज्ञापनों, अनुचित व्यापार प्रथाओं और उन मामलों पर है जहां (GST Rate Cut) का लाभ उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान की जाने वाली अंतिम कीमतों में नहीं दिख रहा है।”
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने कुछ दिनों पहले कहा था कि सरकार उम्मीद करती है कि उद्योग जगत खुदरा कीमतों में (GST Rate Cut) को दर्शाएंगे। हालांकि इसे लागू करने के लिए सरकार किसी तरह के इंस्पेक्टर राज की स्थापना नहीं करेगी। सरकार को उम्मीद है कि ब्याज दरों में कटौती का असर चालू त्योहारी सीजन के दौरान और ज्यादा दिखाई देगा। उस समय उपभोक्ता खरीदारी आमतौर पर अपने चरम पर होती है।