Governor बोले शैक्षिक संस्थानों से- सिर्फ डिग्री नहीं बल्कि ऐसे समाज का निर्माण करें जिनमें नैतिक गुण हों
![Governor said to educational institutions - not just degrees but build a society that has moral qualities](https://navpradesh.com/wp-content/uploads/2021/09/Governor.jpg)
Governor
ओपी जिंदल विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित छात्रवृत्ति वितरण समारोह में हुई शामिल
रायपुर/नवप्रदेश। Governor : शिक्षा और कुछ नहीं बल्कि ज्ञान की खोज है। यह सत्य और ज्ञान के माध्यम से एक अंतहीन यात्रा है। एक ऐसी यात्रा जो मानवतावाद के विकास के नए रास्ते खोलती है। शैक्षिक संस्थानों और विश्वविद्यालयों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे केवल डिग्री धारक नहीं बल्कि ऐसे नागरिक समाज को गढ़ कर दें, जिनमें नैतिक गुण भी हों।
मूल्यों के बिना शिक्षा, कोई शिक्षा नहीं है। उक्त बातें राज्यपाल अनुसुईया उइके ने ओपी जिंदल विश्वविद्यालय रायगढ़ द्वारा आयोजित छात्रवृत्ति वितरण समारोह में कही। राज्यपाल ने इस अवसर पर उत्कृष्ट छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान की और बधाई दी।
राज्यपाल (Governor) ने विद्यार्थियों से कहा कि विश्वविद्यालय में बिताया गया समय, आपके जीवन के सर्वश्रेष्ठ समय में से होगा। मैं आपको अपने विषय के साथ अन्य जीवनोपयोगी विषयों को सीखने के लिए खुले मन से तैयार रहना चाहिए। आप सम्पूर्ण ब्रह्मांड को अपना विश्वविद्यालय बनाएं। अपनी ताकत, अपनी कमजोरियों को पहचाने और अपने जुनून और अपनी रुचियों के लिए समय दें।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय इस तरह की शिक्षा प्रदान करें जो विद्यार्थियों को न केवल विषय-वस्तु की गहन जानकारी दे बल्कि व्यावहारिक जीवन और परस्पर सामंजस्य की क्षमता और योग्यता भी विकसित करे।
राज्यपाल (Governor) ने कहा कि आप सभी को यह ध्यान रखने की आवश्यकता है कि जीवन में कैरियर बनाने, पैसा कमाने या प्रसिद्धि और प्रतिष्ठा बटोरने से परे भी एक उद्देश्य है। आप में से प्रत्येक को पूर्व-निरीक्षण करने की आवश्यकता है- आप समाज में कैसे योगदान दे सकते हैं, और आप कैसे जिम्मेदार नागरिक बन सकते हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी युवा कौशल उद्यमिता पर विशेष ध्यान दे रहे हैं और इसके लिए अनेक योजनाएं शुरू की गई है, जिसमें स्टार्ट अप इंडिया भी एक योजना है। भारत सरकार की स्टार्ट-अप इंडिया पहल का उद्देश्य स्टार्ट-अप के विकास के लिए अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाकर उद्यमिता को बढ़ावा देना और नवाचार को बढ़ावा देना है।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय कुलाधिपति शालु जिंदल तथा विश्वविद्यालय के कुलपति, शिक्षक एवं छात्रगण उपस्थित थे।