नगर पंचायत मामला : संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन, राज्यपाल उईके बोली- एक सप्ताह में दें…लगाई रोक
-राज्यपाल ने अनुसूचित क्षेत्रों में वैधानिक स्थिति की समीक्षा की एक सप्ताह के भीतर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के दिए निर्देश
रायपुर/नवप्रदेश। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके (Governor Ms. Anusuiya Uike) ने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों (Scheduled areas) में नगरपालिका (nagar palika)अधिनियम 1961 के तहत ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत बनाते समय संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन (Constitutional provisions violation) किया गया है।
इन क्षेत्रों में राज्यपाल (Governor Ms. Anusuiya Uike) की अनुमति के बिना कोई भी परिवर्तन नहीं किया जा सकता, किन्तु पूर्व में भी इस संबंध में विधिवत रूप से अनुमति नहीं ली गई थी और हाल में भी बिना अनुमति के यह परिवर्तन किये गए हैं, यह उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि आदिवासियों के हितों की रक्षा के लिए पांचवी अनुसूची के प्रावधानों को लागू करें।
उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि इन सब प्रक्रियाओं की कार्यवाही की समीक्षा कर प्रतिवेदन एक सप्ताह में प्रस्तुत करें। राज्यपाल ने यह निर्देश आज यहां राजभवन में अधिसूचित क्षेत्र में ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत में परिवर्तन करने के संबंध में वैधानिक स्थिति की समीक्षा बैठक में दिए। उन्होंने कहा कि इस विषय में वे मुख्यमंत्री से भी चर्चा कर आवश्यक कार्यवाही करेंगी।
राज्यपाल (Governor Ms. Anusuiya Uike) ने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों में पेसा कानून 1996 लागू है और इसके तहत ग्राम सभा को विशेष अधिकार दिए गए हैं। ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत बनाने से वहां के लोग पेसा कानून के प्रावधानों से वंचित हो जाते हैं।
अनुसूचित क्षेत्र के नगर पंचायतों के लिए पेेसा कानून अभी संसद द्वारा पारित नहीं किया गया है। ऐसी स्थिति में राज्यपाल की अनुमति के बिना कोई भी कार्यवाही किया जाना संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है।
नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत बनाकर संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत पहले भी कार्य किया गया था और अभी भी किया जा रहा है। राज्यपाल ने कहा कि इस संबंध में पूर्व राज्यपाल द्वारा दिये गए सुझाव को भी नहीं अपनाया गया है।
उन्होंने कहा कि 04 ग्राम पंचायत अंकार-डौंडी, प्रेमनगर, नरहरपुर, बड़े बचेली को नगर पंचायत बनाये जाने पर उन ग्राम पंचायतों द्वारा दावा आपत्ति कर नगर पंचायत में शामिल न होकर ग्राम पंचायत में रहने का आग्रह किया गया है।
उस संबंध में उचित कार्यवाही कर एक सप्ताह के अंदर जानकारी भेजें अन्यथा राज्यपाल उचित कार्यवाही करने के लिए बाध्य होंगी। राज्यपाल ने मरवाही ग्राम पंचायत को नगर पंचायत बनाने के संबंध में समस्त प्रक्रिया रोके जाने के निर्देश दिए।