संपादकीय: आंदोलित किसानों की सुध ले सरकार
Government should take care of agitating farmers: एक बार फिर पंजाब और हरियाणा के किसान एमएसपी पर कानून बनाने सहित अन्य मांगों को लेकर दिल्ली कूच करने की तैयारी में जुट गए हैं। किसान संघ के एक प्रतिनिधि मंडल ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से भेंट कर उन्हें अपनी मांगों और समस्याओं से अवगत कराया है।
राहुल गांधी ने इन किसानों की समस्याओं को संसद में पुरजोर ढंग से उठाने का आश्वासन दिया है। और कहा है कि कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ खड़ी है। इधर किसान संगठनों ने शंभू बार्डर और खन्नोरी बार्डर खुलने के साथ ही दिल्ली कूच करने का मन बना लिया है।
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा है कि अब किसान फिर से मार्च निकालेंगे और स्वतंत्रता दिवस के दिन 15 अगस्त को पूरे देश में किसान ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे।
गौरतलब है कि एमएसपी की मांग को लेकर किसानों (Government should take care of agitating farmers) ने पूर्व में बहुत लंबा आंदोलन चलाया था। इसके बाद केन्द्र सरकार ने किसानों की मांग पूरी करने का आश्वासन देकर उस आंदोलन को स्थगित कराया था। किन्तु अभी तक किसान संगठनों की प्रमुख मांगें पूरी नहीं हो पाई है।
नतीजतन किसान संगठन फिर आंदोलन की राह पर चल पड़े हैं। इसके पहले की किसान संगठन उग्र आंदोलन करें और उनके आंदोलन के चलते किसी तरह की कोई अप्रिय स्थिति निर्मित हो केन्द्र सरकार को चाहिए कि वह किसानों की सुध ले।
आंदोलनरत किसान संगठन के नेताओं के साथ फिर से वार्तालाप किया जाए और उनकी मांगों को पूरा करने तथा किसानों की समस्याओं का समाधान करने के लिए कारगर पहल की जाए। उम्मीद की जानी चाहिए कि केन्द्र सरकार किसानों के साथ जल्द से जल्द बातचीत शुरू करेगी।
नए कृषि मंत्री शिवराज ङ्क्षसह चौहान एक अनुभवी नेता हैं निश्चित रूप से वे आंदोलनरत किसानों को समझाने में सफल होंगे। और उनकी समस्याओं का समाधान करने ठोस कदम उठाएंगे।