संपादकीय: सरकारी स्कूलों का कायाकल्प किया जाए

संपादकीय: सरकारी स्कूलों का कायाकल्प किया जाए

Government schools should be rejuvenated

Rejuvenated Government schools

Rejuvenated Government schools: छत्तीसगढ़ में भी देश के अन्य राज्यों की तरह निजी स्कूलों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। जहां अपने बच्चों को पढ़ा पाना गरीब तबके के लिए असंभव होता है। सरकारी स्कूलों की दुर्दशा सर्व विदित है।

जबकि सरकार चाहे तो सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों से भी बेहतर बना सकती है। इसका उदाहरण भाटापारा जिले के ग्राम गुड़ेलिया में देखने को मिला है। भाटापारा ब्लाक के अंतर्गत आदर्श निर्मल ग्राम पंचायत गुड़ेलिया स्थित शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला अच्छे अच्छे निजी स्कूलों को मात दे रही है।

उक्त स्कूल में पढ़ाई के समुचित संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं। डिजिटल क्लास चल रही है। छात्र छात्राओं के बैठने की बेहतरीन व्यवस्था है। सीसीटीवी कैमरे और वाईफाई सुविधा के साथ ही खेलकूद के भी समुचित इंतजाम हैं।

इस स्कूल की शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने समय -समय पर सराहना की है और इस स्कूल को आदर्श स्कूल मान कर अन्य सरकारी स्कूलों को भी इसी तरह सर्व सुविधायुक्त बनाने के लिए पहल की है।

यदि स्कूली शिक्षा विभाग चाहे तो प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों का कायाकल्प किया जा सकता है। और उन्हें निजी स्कूलों से भी बेहतर बनाया जा सकता है। देश की राजधानी नई दिल्ली में वहां की राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों से भी अच्छा बनाने का काम किया है।

इसी तरह छत्तीसगढ़ में भी सरकारी स्कूलों के दिन बहुर सकते हैं। बर्शते स्कूली शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों की सुध लें और इनके कायाकल्प के लिए वृहद कार्य योजना पर काम शुरू करंे। यदि ऐसा हुआ तो निश्चित रूप से गरीब तबके के बच्चों को बेहतर शिक्षा सुलभ हो पाएगी।

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