सरकार ‘जहर’ है, हस्तक्षेप से परियोजनाएं पटरी से उतर सकती हैं : नितिन गडकरी
नई दिल्ली। central minister nitin gadkari: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। वह अक्सर सार्वजनिक मंच से विपक्ष के साथ-साथ सरकार की भी आलोचना करते रहते हैं। नागपुर में एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में गडकरी ने सरकार को ‘जहर’ बताया है। उनके इस बयान पर बहस छिड़ गई है।
गडकरी ने कहा, ‘सिर्फ आज ही नहीं, बल्कि जब मैं विपक्ष का नेता था, तब भी मैं बात दृढ़ता से कहता था। लोगों को भगवान और सरकार पर भरोसा है। लेकिन सरकारी हस्तक्षेप से परियोजनाएँ बर्बाद हो सकती हैं। सरकार जहर के समान है। उन्होंने कहा, ‘जो लोग सरकार से दूर रहते हैं वे प्रगति करते हैं। उनका ये बयान चर्चा का विषय बना हुआ है।
और क्या कहा गडकरी ने?
कृषि विकास प्रतिष्ठान की ओर से नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार के पास भी कई समस्याएं हैं। देश की कृषि आय को 22 प्रतिशत बढ़ाना है और जिस दिन हम ऐसा कर लेंगे, किसानों की मजदूरी 1500 हो जायेगी। आज हमारे सामने यही सबसे बड़ा लक्ष्य है। सरकार में कठिनाइयाँ अलग हैं। इस साल एमएसपी देने में दिक्कतें आईं।
बाजार मूल्य और एमएसपी के बीच संतुलन बनाने के लिए, बाजार मूल्य कम है और एमएसपी अधिक है। सरकार को डेढ़ लाख करोड़ रुपये का भुगतान करना है और कटे हुए अनाज को रखने के लिए गोदाम नहीं हैं। गडकरी ने ये भी कहा कि ये क्या गड़बड़ हो गई, मंत्री होने के नाते मेरी भी बोलने की सीमाएं हैं।