सुशासन तिहार: CM विष्णु देव साय प्रदेश के अंतिम छोर पर स्थित ग्राम मुलेर पहुंचे

सुशासन तिहार: CM विष्णु देव साय प्रदेश के अंतिम छोर पर स्थित ग्राम मुलेर पहुंचे

Good governance festival: CM Vishnu Dev Sai reached Muller village located at the extreme end of the state

sushasan tihar

रायपुर । sushasan tihar 2025: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज बस्तर संभाग के अतिदूरस्थ और आदिवासी बहुल ग्राम मुलेर का दौरा किया। यह गांव दंतेवाड़ा जिले की सीमा पर स्थित अंतिम गांवों में से एक है, जहाँ अब नियद नेल्लानार योजना के तहत समावेशी विकास कार्य तेज़ी से हो रहे हैं।  मुख्यमंत्री साय का ग्रामीणों ने महुआ, आमपत्ती से बने पारंपरिक हार और गौर मुकुट पहनाकर आत्मीय स्वागत किया। मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह और पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम का भी छिंद पत्तों से बने पारंपरिक गुलदस्तों से अभिनंदन किया गया।

मुख्यमंत्री साय ने इमली के पेड़ के नीचे चौपाल लगाकर ग्रामवासियों से सीधे संवाद किया। उन्होंने ग्रामीणों की ज़मीनी समस्याएं सुनीं और विकास की प्राथमिकताओं पर चर्चा की। उन्होंने राशन दुकान का निरीक्षण किया, जहां हितग्राहियों से बातचीत कर राशन वितरण की नियमितता, गुणवत्ता, और उपयोग की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने खाद्यान्न का वजन भी मौके पर करवाया और एक हितग्राही का राशन कार्ड देखा। मुख्यमंत्री साय ने आंगनबाड़ी में बच्चों से आत्मीय वार्तालाप कर उनके अक्षर ज्ञान, रंग-पहचान आदि की जानकारी ली और बच्चों को चॉकलेट वितरण किया।

 मुख्यमंत्री श्री साय ने मौके पर ही कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं, जिनमें अंदल कोसम माता मंदिर निर्माण के लिए 4 लाख रूपए की स्वीकृति, ग्राम में उप स्वास्थ्य केन्द्र स्थापना, नाहाड़ी तक संपर्क सड़क का निर्माण तथा गांव के सभी पारा को जोड़ने हेतु पुलिया और सीसी सड़क निर्माण के लिए 5 लाख रूपए की स्वीकृति शामिल है। उन्होंने आगे कहा कि जल्द ही शिविर लगाकर वनाधिकार मान्यता पत्र, आधार कार्ड और आयुष्मान कार्ड बनाने की कार्यवाही की जाएगी।

 मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर प्रदेश की 10वीं बोर्ड परीक्षा में 9वां स्थान प्राप्त करने वाली दंतेवाड़ा की छात्रा रमशिला नाग से भेंट की, उसे पुष्पगुच्छ भेंटकर और मिठाई खिलाकर सम्मानित किया, और उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।  ग्राम मुलेर में मुख्यमंत्री श्री साय का यह दौरा न केवल सुशासन की संवेदनशीलता का प्रतीक रहा, बल्कि यह भी साबित करता है कि राज्य सरकार प्रदेश के हर अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने के लिए कटिबद्ध है।

दंतेवाड़ा जिले की ग्राम पंचायत मुलेर: योजनाओं के क्रियान्वयन से हो रहा सर्वांगीण विकास

 उल्लखेनीय है कि छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले की दूरस्थ ग्राम पंचायत मुलेर विकास की नई इबारत लिख रही है। सीमित संसाधनों के बावजूद विभिन्न सरकारी योजनाओं के कुशल क्रियान्वयन ने इस गांव को सशक्तिकरण, स्वावलंबन और सेवा की दिशा में एक मजबूत आधार प्रदान किया है। बड़े बचेली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत मुलेर जिला मुख्यालय से लगभग 90 किमी दूर स्थित है। कुल 112 परिवारों में 474 लोग निवासरत हैं, जिनमें 100 प्रतिशत माड़िया जनजाति के लोग हैं। गांव में दो आंगनबाड़ी केन्द्र (बाल्केपारा व पटेलपारा) संचालित हैं। गांव में 6 महिला स्व-सहायता समूह कार्यरत हैं, जिनमें लक्ष्मी समूह को डीएमएफ मद से ट्रैक्टर प्रदाय किया गया है।

इसका उपयोग खेती के साथ-साथ किराए पर भी किया जा रहा है। बीपीएल कार्डधारी परिवारों को राशन की नियमित आपूर्ति की जा रही है। गांव में सौर ऊर्जा से होम लाइटिंग की व्यवस्था है। महतारी वंदन योजना अंतर्गत ग्राम मुलेर में महिलाएँ महतारी वंदन योजना से लाभान्वित हो रही हैं, जिससे उन्हें आर्थिक सहयोग के साथ आत्मसम्मान का अनुभव हो रहा है। मुलेर ग्राम पंचायत सुदूर आदिवासी क्षेत्र में सरकारी योजनाओं की जमीनी पहुँच और सुचारू क्रियान्वयन का एक अनुकरणीय उदाहरण है। यहां जनभागीदारी और प्रशासनिक तत्परता से विकास की दिशा में सतत और ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *