Golden Victory Torch : जीत के 50 वर्ष पूरे, छत्तीसगढ़ में भव्य स्वागत की तैयारी

Golden Victory Torch : जीत के 50 वर्ष पूरे, छत्तीसगढ़ में भव्य स्वागत की तैयारी

Golden Victory Torch: 50 years of victory, preparations for grand welcome in Chhattisgarh

Golden Victory Torch

रायपुर/नवप्रदेश। Golden Victory Torch : वर्ष 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में शामिल भारतीय सैनिकों के प्रति सम्मान प्रदर्शित करने तथा नागरिकों में गर्व की भावना जागृत करने के उद्देश्य से निकाली गई स्वर्णिम विजय मशाल यात्रा 12 से 19 अक्टूबर के दौरान छत्तीसगढ़ से होकर गुजरेगी। इस युद्ध में छत्तीसगढ़ के भी 100 से अधिक सैनिकों ने हिस्सा लिया था।

बांग्लादेश के लोगों को पाकिस्तान के उत्पीडऩ से मुक्ति दिलाने तथा उनके सम्मान की रक्षा के लिए भारत ने वर्ष 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध करते हुए उस पर शानदार जीत हासिल की थी।

इस निर्णायक युद्ध में भारतीय सैनिकों ने ढाका पर कब्जा कर लिया था और 93000 पाकिस्तानी सैनिकों को आत्म समर्पण के लिए मजबूर कर दिया था। इसी युद्ध के परिणाम स्वरूप एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में बांग्लादेश का उदय हुआ था।

वर्ष 1971 के युद्ध में भारतीय सैनिकों के शौर्य को याद करते हुए वर्ष 2020 के विजय दिवस पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर चार स्वर्णिम विजय मशाल प्रज्वलित किए गए थे, जो विभिन्न दिशाओं में भारत की यात्रा पर हैं।

12 अक्टूबर 2021 यानी मंगलवार को स्वर्णिम विजय मशाल (Golden Victory Torch) जबलपुर से चिल्फी होते हुए कवर्धा में प्रवेश करेगी। 19 अक्टूबर को कांकेर और धमतरी होती हुई यह ओडिशा की ओर बढ़ जाएगी। इस अवधि में कवर्धा, रायपुर, दुर्ग, भिलाई, बिलासपुर, कांकेर और धमतरी में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। स्वर्णिम विजय मशाल को 1971 के युद्ध में भाग लेने वाले नायकों के घरों में ले जाकर उनके प्रति सम्मान प्रदर्शित किया जाएगा।

आजादी की इस लड़ाई में छत्तीसगढ़ के 40 योद्धा शामिल

बांग्लादेश की आजादी की जंग में छत्तीसगढ़ के 40 योद्धा भी शामिल थे। कर्नल रजत मोहन भट्ट ने बताया कि छत्तीसगढ़ में 40 से अधिक युद्ध नायक हैं, जिन्होंने 1971 के युद्ध में भाग लिया है। भारत-पाक युद्ध तीन दिसंबर 1971 को शुरू हुआ। पाकिस्तान ने बड़ी संख्या में भारतीय वायुसेना के ठिकानों पर हमले किए। पश्चिमी और पूर्वी मोर्चों पर भारतीय सशत्र बलों ने इस पर त्वरित प्रतिक्रिया दी। भारतीय सशत्रबलों ने निर्णायक कार्रवाई में पूर्वी पाकिस्तान में ढाका पर कब्जा कर लिया।

इसके बाद 92 हजार से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण कर दिया और एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में बांग्लादेश का उदय हुआ। इस युद्ध में भारत ने एक शानदार जीत हासिल की। युद्ध में भाग लेने वाले हमारे बहादुर सैनिकों को सम्मान देने, जनता विशेष रूप से युवा पीढ़ी में गर्व की भावना उत्पन्न् करने के लिए स्वर्णिम विजय मशाल (Golden Victory Torch) प्रज्ज्वलित की गई है। देश के इतिहास की इस बड़ी उपलब्धि पर प्रत्येक भारतीय देशभक्त गर्व महसूूस करता है।

देश में घुमाने को प्रज्ज्वलित किए चार विजय मशाल

भारत-पाकिस्तान युद्ध के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए चार विजय मशाल प्रज्ज्वलित किए गए थे, जिन्हें देश के अलग-अलग कोनों में भेजा जा रहा है।

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