Gold Return Over 20 Years : 20 साल में सोने ने दिया 15% सालाना रिटर्न, शेयर और रियल एस्टेट से आगे

Gold Return Over 20 Years

लंबी अवधि में निवेश पर रिटर्न देने के मामले में सोना (Gold Return Over 20 Years) एक बार फिर सबसे मजबूत एसेट क्लास साबित हुआ है। फंड्सइंडिया की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, रुपये के आधार पर सोने ने बीते 20 वर्षों में औसतन 15 प्रतिशत सालाना रिटर्न दिया है। इस दौरान शेयर बाजार का प्रमुख सूचकांक निफ्टी-50 लगभग 13.5 प्रतिशत का वार्षिक रिटर्न ही दे सका, जो सोने से कम रहा।

रिपोर्ट में बताया गया है कि इसी अवधि में रियल एस्टेट से औसतन 7.8 प्रतिशत और डेट (ऋण) निवेश से करीब 7.6 प्रतिशत का रिटर्न मिला। बीते 20 सालों में भारतीय शेयर बाजार का प्रदर्शन अमेरिकी शेयरों की तुलना में कमजोर रहा, जहां अमेरिकी शेयरों ने औसतन 14.8 प्रतिशत का रिटर्न दिया।

पिछले पांच वर्षों में सोने (Gold Return Over 20 Years)का प्रदर्शन और भी दमदार रहा है। इस अवधि में सोने ने हर साल औसतन 23.2 प्रतिशत रिटर्न दिया, जबकि भारतीय शेयरों ने 16.5 प्रतिशत और अमेरिकी शेयरों ने 19.6 प्रतिशत का सालाना रिटर्न दर्ज किया।

फंड्सइंडिया के अनुसार, लंबी अवधि में मिड और स्मॉलकैप शेयरों ने भी बड़े शेयरों को पीछे छोड़ा है। निफ्टी मिडकैप 150 ने 16.5 प्रतिशत और निफ्टी स्मालकैप 250 ने 14.3 प्रतिशत का वार्षिक रिटर्न दिया, जबकि निफ्टी 100 का रिटर्न 13.8 प्रतिशत रहा।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मिड और स्मॉलकैप में अस्थिरता अधिक रही है, लेकिन लंबी अवधि में इनका प्रदर्शन मजबूत रहा है। मिडकैप शेयरों ने बीते 22 वर्षों में औसतन 19.6 प्रतिशत सालाना रिटर्न दिया है।

विश्लेषकों का मानना है कि सोने की कीमतों में तेजी के पीछे केंद्रीय बैंकों की खरीदारी, सुरक्षित निवेश की बढ़ती मांग, भू-राजनीतिक अनिश्चितता, रुपये में कमजोरी और शेयर बाजार का ऊंचा मूल्यांकन जैसे कारण प्रमुख हैं।

साल 2025 की बात करें तो अब तक सोने की कीमत में 70.99 प्रतिशत या 55,470 रुपये प्रति 10 ग्राम की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। दिल्ली में 31 दिसंबर 2024 को सोना 78,130 रुपये प्रति 10 ग्राम था, जो 12 दिसंबर 2025 तक बढ़कर 1,33,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गया है।

(Gold Return Over 20 Years) डेट बाजार रहे स्थिर

रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में डेट बाजार अपेक्षाकृत स्थिर रहे हैं और इन्होंने लंबी अवधि में 7 से 9 प्रतिशत तक का रिटर्न दिया है। यह पोर्टफोलियो में जोखिम संतुलन बनाए रखने में सहायक रहा है। वहीं, एचएसबीसी ग्लोबल इन्वेस्टमेंट रिसर्च का कहना है कि यदि नीतिगत कदमों से खपत को बढ़ावा मिला और नियामकीय माहौल अनुकूल रहा, तो अगले वर्ष भारतीय शेयर बाजार दो अंकों में रिटर्न दे सकता है।

शीर्ष-100 कंपनियों का मार्केट कैप 148 लाख करोड़ बढ़ा

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड की रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 से 2025 के बीच भारतीय शेयर बाजार में संपत्ति सृजन पिछले तीन दशकों में सबसे अधिक रहा है। इस पांच साल की अवधि में शीर्ष-100 कंपनियों का बाजार पूंजीकरण करीब 148 लाख करोड़ रुपये बढ़ा। इस उछाल में वित्तीय क्षेत्र की सबसे बड़ी भूमिका रही, इसके बाद औद्योगिक, पूंजी बाजार और प्रौद्योगिकी सेक्टर का योगदान रहा।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत तेजी से संपत्ति निर्माण के दौर में प्रवेश कर रहा है और बीते 20 वर्षों में बाजार पूंजीकरण औसतन 17 प्रतिशत की दर से बढ़ा है। भारत अब वैश्विक स्तर पर चौथा सबसे बड़ा शेयर बाजार बन चुका है। मोतीलाल ओसवाल के चेयरमैन रामदेव अग्रवाल का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के चार ट्रिलियन डॉलर से 16 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की यात्रा में निवेशकों के लिए बड़े अवसर सामने आएंगे।