आज का बेबाक : घुंघरू सेठ को बेआबरू होकर कूचे से निकलना पड़ा
Ghunghru Seth: घुंघरू सेठ ने बड़े अरमान से आलीशान शीश महल बनवाया था। उन्होंने के एल सहगल की तरह यह गाना शुरू ही किया था कि – एक बंगला बने न्यारा रहे कुनबा जिसमें सारा…. कि उन्हें यह बंगला छोडऩा पड़ा।
बेआबरू होकर कूचे से निकलना पड़ा। शीश महल से निकलते हुए वे शायद यह गुनगुनाते रहे होंगे कि – तेरे दरों दीवार पर हसरत से नजर करते हैं खुश रहना अहले चमन अब हम तो सफर करते हैं।
घुंघरू सेठ (Ghunghru Seth) के साथ ही उनके बड़े मुनीम ने भी अपना बंगला खाली कर दिया है। अब दोनों गाएंगे – दो बेचारे बिना सहारे फिरते मारे मारे …।