Ghatshila By-election : रामदास सोरेन के परिवार से मिले CM हेमंत सोरेन, घाटशिला उपचुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज

Ghatshila By-election : रामदास सोरेन के परिवार से मिले CM हेमंत सोरेन, घाटशिला उपचुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज

Ghatshila By-election :

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Ghatshila By-election : झारखंड के दिवंगत शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के परिजनों (Family) से रांची में सीएम हेमंत सोरेन ने मुलाकात की। इस मुलाकात के क्रम में स्व रामदास सोरेन की पत्नी सूरजमनी सोरेन, बड़े पुत्र सोमेश सोरेन, रोबिन सोरेन, रूपेश सोरेन, भतीजा विक्टर सोरेन व परिवार के अन्य सदस्य शामिल रहे।

मुलाकात के बाद CM Soren ने अपने सोशल मीडिया पेज पर लिखा कि आज रांची में झामुमो परिवार के मजबूत स्तम्भ रहे, महान आंदोलनकारी, घाटशिला विधानसभा के जन-जन के दिलों में बसने वाले पूर्व शिक्षा मंत्री स्मृति शेष स्व रामदास सोरेन के परिजनों से मुलाकात हुई तथा घाटशिला विधानसभा (Assembly) से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई।

बता दें की दिवंगत रामदास सोरेन के निधन के बाद से ही उनके परिवार के किसी सदस्य को आगे विधानसभा चुनाव लड़ाने को लेकर चर्चाएं तेज है। ऐसे में वह नाम कौन होगा इसपर फिलहाल निर्णय नहीं लिया गया है।

इधर इस मुलाकात के बाद अब जल्द ही सरकार व पार्टी के स्तर से इस पर निर्णय लिए जाने की संभावना है। प्रबल संभावना है की परिवार के किसी सदस्य को मंत्री बनाकर राजनीति (Politics) में सक्रिय किया जाएगा। फिर उसे ही आगे Ghatshila vidhansabha Upchunav में टिकट देकर पार्टी लड़ाएगी।

इधर रामदास सोरेन के परिवार से उनके बड़े पुत्र सोमेश सोरेन घाटशिला विधानसभा की राजनीति में सक्रिय हो गए है तो उनके भतीजे विक्टर सोरेन भी राजनीति में पूरी तरह से एक्टिव है।

ऐसे में इन दोनों के बीच से ही किसी को मंत्रीपद दिए जाने की भी प्रबल संभावनाएं है। हालांकि इसपर अंतिम निर्णय पार्टी आलाकमान व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ही लेंगे।

बता दें कि घाटशिला से विधायक और झारखंड से मंत्री रहे रामदास सोरेन का 15 अगस्त को निधन हो गया था, जिसके बाद Ghatshila Assembly seat खाली है। ऐसे में यहां उपचुनाव होना तय है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी भी क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं। इसे देखते हुए सियासी सरगर्मी तेज है। कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी की तरफ से चंपई सोरेन के बेटे एक बार फिर चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। पिछली बार वह रामदास सोरेन से चुनाव वह हार गए थे।

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