Geeta Path Benefits : हर शनिवार गीता पढ़ने से स्कूली बच्चों में दिख रहा चमत्कारी बदलाव

Geeta Path Benefits

Geeta Path Benefits

राजधानी रायपुर के समता कॉलोनी स्थित ज्ञानाश्रय नर्सरी स्कूल बच्चों के व्यक्तित्व विकास का अनोखा उदाहरण बन चुका है। पिछले छह महीनों से हर शनिवार चल रहा (Geeta Path Benefits) ‘गीता पाठ’ का विशेष कार्यक्रम बच्चों के जीवन में गहरा सकारात्मक परिवर्तन ला रहा है। कक्षा चौथी से आठवीं तक के बच्चे अब श्रीमद भगवद्गीता के श्लोक न सिर्फ सस्वर पाठ करते हैं, बल्कि उनका अर्थ भी समझने लगे हैं। शुरुआत में जिन बच्चों को संस्कृत कठिन लगती थी, वे आज आत्मविश्वास के साथ पूरे श्लोक पढ़ लेते हैं।

गीता पाठ के समय विद्यालय का वातारण शांत, आध्यात्मिक और सकारात्मक ऊर्जा से भरा होता है। स्कूल प्रशासन के अनुसार, इस कार्यक्रम ने बच्चों के व्यवहार और पढ़ाई दोनों पर उल्लेखनीय प्रभाव डाला है। पहले शरारती, क्रोधी और बेचैन रहने वाले बच्चे अब अधिक अनुशासित, संयमी और (Geeta Path Benefits) एकाग्रचित्त हो गए हैं। कई बच्चों का शैक्षणिक प्रदर्शन तेजी से सुधरा है।

स्कूल की प्राचार्या वैभवी विजय हिशीकर बताती हैं कि यह कार्यक्रम जून में नए शैक्षणिक सत्र से शुरू किया गया था। गीता परिवार की सीमा अरुण मिश्रा की मदद से हर शनिवार एक घंटे गीता के 11वें और 12वें अध्याय का सामूहिक पाठ कराया जाता है। इनमें भक्ति, ज्ञान, अनुशासन और कर्मयोग की गहरी सीख है। कमजोर बच्चों की याददाश्त तेज हुई है, कुछ का रिजल्ट सुधार गया है और कई बच्चों में क्रोध कम हुआ है।

बच्चों में आया व्यवहारिक और शैक्षणिक सुधार

कक्षा छठवीं की समृद्धि विश्वकर्मा को गीता के सारे श्लोक याद हो चुके हैं। उसकी एकाग्रता बढ़ी और उसे विशेष पुरस्कार मिला। रूही श्रीवास और सृष्टि गुप्ता की याद रखने की क्षमता मजबूत हुई है। कक्षा आठवीं का एक बच्चा जो चोरी और झूठ बोलने की आदत से जूझ रहा था, उसमें भी उल्लेखनीय सुधार दिखा है।

क्यों मनाई जाती है गीता जयंती

मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की एकादशी को श्रीकृष्ण ने महाभारत के युद्धभूमि में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। उसी दिवस को गीता जयंती मनाया जाता है। 18 अध्याय और 700 श्लोकों वाली गीता जीवन जीने की कला, कर्मयोग, निष्काम कर्म, मन पर नियंत्रण और कर्तव्य पालन का मार्ग दिखाती है।