GDP Base Year Change : जीडीपी अनुमान के लिए 2022-23 होगा नया आधार वर्ष, 27 को आएगी नई सीरीज

GDP Base Year Change

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भारत अपनी आर्थिक सांख्यिकी प्रणाली में बड़ा बदलाव करने जा रहा है। सरकार ने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) अनुमान का नया आधार वर्ष 2022-23 (GDP Base Year Change) तय करने का निर्णय लिया है। आधिकारिक बयान के अनुसार नई जीडीपी शृंखला का पहला अनुमान 27 फरवरी 2026 को जारी किया जाएगा। इससे पहले 2011-12 को आधार वर्ष मानकर अनुमान जारी किए जाते थे।

नई शृंखला का निर्माण उन डेटा सेट पर किया जा रहा है जो पिछले दशक में उपलब्ध ही नहीं थे। इसमें सक्रिय कंपनियों की एक रिफाइंड सूची (GDP Data Revision), एलएलपी फाइलिंग का व्यापक डेटा, कॉर्पोरेट वार्षिक रिटर्न की विस्तृत जानकारी और गैर-कारपोरेट उद्यमों के वार्षिक सर्वेक्षण का समावेश शामिल है। अधिकारियों के अनुसार ये इनपुट विशेष रूप से निजी कंपनियों और एमएसएमई क्षेत्र में वास्तविक आर्थिक गतिविधि के अनुमान को अधिक सटीक और मजबूत बनाएंगे, क्योंकि अभी तक इस सेक्टर के विश्वसनीय डेटा में काफी कमी रही है।

राष्ट्रीय खाता सांख्यिकी में सुधार के लिए सरकार ने एक सलाहकार समिति (National Accounts Advisory Committee) का गठन भी किया है, जो सांख्यिकी मंत्रालय को नए डेटा स्रोतों और पद्धतियों के उपयोग पर सुझाव देगी। मंत्रालय ने नया आधार वर्ष लागू करने से जुड़े बदलावों पर एक विस्तृत चर्चा पत्र (GDP Base Year Change) भी अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित किया है। इसमें सभी हितधारकों से 10 दिसंबर 2025 तक प्रतिक्रिया मांगने की अपील की गई है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह परिवर्तन देश की वास्तविक आर्थिक वृद्धि दर, उपभोग, निवेश और उत्पादकता के अधिक सटीक आकलन में मदद करेगा। नए डेटा सेट डिजिटलाइजेशन के बढ़ते दौर के अनुरूप अधिक वास्तविक तस्वीर पेश कर सकते हैं। यह कदम भारत की आर्थिक विश्वसनीयता और वैश्विक तुलना को भी बेहतर बनाएगा।