गौठान: ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सहारा देता गोधन न्याय योजना, गोबर बेचकर आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे ग्रामीण

गौठान: ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सहारा देता गोधन न्याय योजना, गोबर बेचकर आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे ग्रामीण

Gauthan: Godhan Nyaya Yojana supports the rural economy, villagers are becoming financially strong by selling cow dung

Gauthan

  • सुराजी गांव योजना के नरवा, गरुवा, घुरवा और बाड़ी से ग्रामीणों को मिल रहा संबल

कवर्धा । कबीरधाम जिले के ग्रामीणों को सुराजी गांव योजना से जुड़कर बहुत से फायदे होने लगे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में निर्मित गौठान आजीविका का केंद्र बन गए हैं। गौठानो में पशुधन को रखने के साथ-साथ छाया,पानी,चारा, टीकाकरण जैसे सभी आवश्यक सुविधाएं पशु को तो मिल ही रही है साथ ही गौठान में आजीविका के विभिन्न साधनों से जुड़कर महिला स्व सहायता समूह आत्मनिर्भर हो रही हैं। इस योजना से समूह की महिलाओं के साथ-साथ उनका पूरा परिवार और ग्रामीण अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत हो रही है। इनके साथ ही पशुपालक गोधन न्याय योजना से जुड़कर गोबर को गौठानो में बेचकर सीधे लाभ कमा रहे है।

एक योजना और उसके दो फायदे….

पहला – गोबर बेचने वाले ग्रामीण

जिले के 375 गौठानो में गोबर खरीदी का कार्य गोधन न्याय योजना के अंतर्गत हो रहा है। योजना में 7373 कृषक पंजीकृत है जिनसे योजना प्रारंभ से अभी तक 378888.53 क्विंटल गोबर की खरीदी हो चुकी है। जिसके एवज में 7 करोड़ 57 लाख 77 हजार रुपए का भुगतान हितग्राहियों को उनके खाते में मिला है। ग्रामीण हितग्राहियों को गोधन न्याय योजना से मिला पैसा सीधे तौर पर उनके परिवार के काम आ रहा है। जिले के बहुत से ग्रामीण परिवारों ने इन पैसों से अपनी आवश्यकताएं पूरी की। किसी परिवार ने बच्चों की पढ़ाई में पैसे लगाया,किसी के बच्चों की शादी में काम आया,किसी ने अपना घर बनाया,तो किसी ने गाड़ी खरीदी, किसी हितग्राही ने अपना व्यवसाय प्रारंभ किया,आभूषणों का शौक पूरा करने जैसे अनेक रूप में योजना के फायदे की मिसाल ग्रामीण परिवारो में देखी जा सकती है।

दूसरा – गोबर से वर्मी कंपोस्ट तैयार करने वाली महिला स्व सहायता समूह

गौठान में उपलब्ध गोबर से महिला स्व सहायता समूह लाभान्वित हो रही है।  ज़िले के गौठानो में 360 महिला समूह कार्य कर रही है जिसमे कुल 3600 सदस्य है। यह समूह गोबर से वर्मी खाद तैयार करती है। अभी तक 110751 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट तैयार किया गया है जिसमें 69485 क्विंटल वर्मी है एवं 16020 क्विंटल सुपर कंपोस्ट शामिल है । तैयार कंपोस्ट की बिक्री करके अभी तक लाभांश के रूप में दो महिला समहू को 2 करोड़ 44 लाख 54 हजार रुपए की आमदनी हुआ है और पैसा सीधा ग्रामीण महिलाओं को उनके खाते में मिला जो समूह के रूप में कार्य कर रही है। इस पैसे से महिलाएं अपने दैनिक जरूरतों की पूर्ति कर अपने परिवार के अर्थव्यवस्था को मजबूत सहारा दिए हुए हैं।

ग्रामीण हितग्राहियों के साथ लाभान्वित हो रही महिला स्व सहायता समूह के सदस्य- कलेक्टर

कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने बताया कि सुराजी गांव योजना के घटक नरवा गरुवा घुरवा और बाड़ी से ग्रामीणों को अनेक फायदे मिलें है। एक और 2 रूपए प्रति किलो की दर से गोबर बेचकर ग्रामीण हितग्राही आर्थिक रूप से लाभान्वित हो रहा है। तो दूसरी ओर गौठान में आने वाले गोबर से कंपोस्ट तैयार कर महिला स्व सहायता समूह इसे विक्रय करते हुए आजीविका के नए साधन से जुड़ी है। राज्य शासन की इस महत्वकांक्षी योजना से एक ही समय में दो अलग-अलग वर्गों को सीधे तौर पर आर्थिक लाभ हो रहा है और इसका परिणाम है की ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो रहा हैं।

गौठान बना आर्थिक गतिविधियों का केंद्र- सीईओ जिला पंचायत

जिले के गौठान ग्रामीणों के लिए आर्थिक रूप से लाभकारी सिद्ध हो रहे हैं। गौठानो में चाहे महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) की स्थापना हो या फिर अन्य गतिविधियों से आजीविका के साधन ग्रामीणों को मिल रहा है। गौठान अब स्वाबलंबी हो गए है और आजीविका के बहुत से काम हो रहे है।सभी काम परंपरागत शैली के है जिससे ग्रामीणों का पहले से ही जुड़ाव है।

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