G20 Summit : भारत की जी20 अध्यक्षता, अनूठा अवसर

G20 Summit : भारत की जी20 अध्यक्षता, अनूठा अवसर

G20 Summit: India's G20 presidency, a unique opportunity

G20 Summit

चंद्रजीत बनर्जी। G20 Summit : पिछले महीने बाली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान राजनेताओं की घोषणा में ‘अद्वितीय बहुआयामी संकट’ के बारे में बात की गई थी, जिसका वर्तमान में दुनिया सामना कर रही है। इसमें सार्वजनिक निवेश में वृद्धि करने के साथ-साथ निजी निवेश को बढ़ावा देने और बहुपक्षीय व्यापार को मजबूत करने का संकल्प लिया गया। वैश्विक अर्थव्यवस्था, सतत विकास और डिजिटलीकरण से संबंधित इसकी कई नीतिगत कार्रवाइयां; जी20 के व्ययसाय संवाद समूह, व्यापार 20 (बी20) द्वारा की गई सिफारिशों के अनुरूप थीं। भू-राजनीतिक संबंधों के प्रत्यक्ष बदलाव के समय में, जी20 अध्यक्ष के रूप में भारत की भूमिका वैश्विक स्थिरता और व्यापक आर्थिक समन्वय पर केन्द्रित होगी, क्योंकि राष्ट्र महामारी के बाद, यूक्रेन संघर्ष और जलवायु परिवर्तन से निपटने का प्रयास कर रहे हैं।

वसुधैव कुटुम्बकम या “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” की थीम समसामयिक चुनौतियों को देखते हुए पूरी तरह उपयुक्त है और यह सामान्य वैश्विक मुद्दों का सामना करने के सन्दर्भ में, पूरी दुनिया को साथ मिलकर काम करने के लिए एक मंच देती है। बाली में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देते हुए कहा था, “भारत की जी20 अध्यक्षता समावेशी, महत्वाकांक्षी, निर्णायक और कार्रवाई-उन्मुख होगी। भारत ने शेरपा ट्रैक के तहत 13 कार्य समूहों का गठन किया है, जो रोजगार, डिजिटल अर्थव्यवस्था और व्यापार तथा निवेश समेत अन्य क्षेत्रों पर सिफारिशें प्रदान करेंगे। वित्त ट्रैक के तहत, जी20 के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक व्यापक आर्थिक विकास, आर्थिक जोखिम और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना तथा अन्य बातों पर चर्चा करेंगे।

भारत द्वारा रेखांकित की गयी प्राथमिकताएं, दुनिया के सामने (G20 Summit) मौजूद महत्वपूर्ण मुद्दों का प्रतिनिधित्व करती हैं। जी20 देशों के बीच सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में, भारत ने व्यापार और निवेश, जलवायु परिवर्तन शमन तथा डिजिटलीकरण जैसे क्षेत्रों को उल्लेखनीय रूप से प्रभावित किया है और देश आने वाले वर्ष में जी20 के नीतिगत निर्णयों को अंतिम स्वरूप देने के क्रम में एक बड़े विकासशील राष्ट्र के रूप में अपनी अंतर्दृष्टि का उपयोग कर सकता है। वैश्विक व्यापार, 2022 की अपेक्षित विकास दर 3.5 प्रतिशत की तुलना में धीमा होकर 2023 में केवल 1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। भारत आज उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) जैसी प्रगतिशील नीतियों, कारोबार में आसानी मिशन तथा अवसंरचना निर्माण, जिसने इसे वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के विविधीकरण में योगदान देने में सक्षम बनाया है, की मदद से एक वैश्विक विनिर्माण और व्यापार केंद्र के रूप में उभरा है।

सतत विकास के सन्दर्भ में, भारत 2023 के जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक में शीर्ष 5 पायदान वाले राष्ट्र के रूप में उभरा है, जो जी20 के बीच सबसे बेहतर है। भारत ने प्रमुख क्षेत्रों के लिए अपनी दीर्घकालिक कम उत्सर्जन विकास रणनीति पेश की है और नवीकरणीय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन, ई-गतिशीलता और मिश्रित ईंधन में महत्वपूर्ण पहल कीं हैं, जो इसे अपने राष्ट्रीय निर्धारित योगदान के मार्ग पर आगे बढ़ाते हैं।

भारत में तेजी से डिजिटलीकरण हो रहा है, जो खुदरा, फिनटेक, शिक्षा और कई अन्य क्षेत्रों को बढ़ावा दे रहा है। 1.17 बिलियन मोबाइल फोन ग्राहकों और 700 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के साथ, भारत में अक्टूबर 2022 के दौरान यूपीआई पर 7 बिलियन लेन-देन हुए। देश ने अपने वैक्सीन मिशन के लिए भी डिजिटल तकनीक को सफलतापूर्वक लागू किया है। इन क्षेत्रों में भारत का नेतृत्व, आने वाले वर्ष में जी20 को अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने में मदद करेगा। इसे दुनिया के व्यवसायों के सुझावों का समर्थन मिलेगा, जो जी20 संवाद समूहों के सबसे बड़े समूह, बी20 के तहत विचारों को विकसित करेगा। नामित बी20 सचिवालय के रूप में, भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने सरकार सहित अन्य हितधारकों के परामर्श से, परिचर्चा के लिए नौ प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को रेखांकित किया है।

व्यापार के लिए बी20 भारत की प्राथमिकताएं- विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में एकीकरण, सेवा व व्यापार का विविधीकरण और अफ्रीकी साझा बाजार के अवसरों का उपयोग करने पर ध्यान केंद्रित करेंगी। वित्तीय समावेशन के विस्तार के साथ वित्तपोषण व अवसंरचना के विकास की भी पहचान की गई है। प्रौद्योगिकी के तहत नवाचार और आरएंडडी, डिजिटल बदलाव और कार्य का भविष्य, कौशल निर्माण तथा मोबिलिटी जैसी प्राथमिकताओं पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

बी20 के विचार-विमर्श से ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन (G20 Summit) और संसाधन दक्षता आदि क्षेत्रों को भी बहुत लाभ मिलने की उम्मीद है। भारत की जी20 अध्यक्षता के एक भाग के रूप में, भारतीय व्यवसायों के पास इस वर्ष अपने दृष्टिकोण को साझा करने और वैश्विक आर्थिक विकास एवं स्थिरता को बढ़ावा देने का एक अनूठा अवसर है। अपनी उद्यमशील प्रतिभा, नवाचार और सामाजिक जिम्मेदारी के साथ, हम दुनिया को अपनी ताकत दिखा सकते हैं, क्योंकि बी20 भारत संवाद को अंतिम स्वरूप दिया जा रहा है।

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