Fraud : दुर्ग निगम में स्पैरो कम्पनी की चार सौ बीसी, 10 महीने का टैक्स दर्शाकर दबाया 12 माह का टैक्स
दुर्ग/नवप्रदेश। स्पैरो कंपनी की कारगुजारियों की परतें धीरे-धीरे खुलने (Fraud) लगी है। इस कंपनी पर पुख्ता प्रमाणों के साथ यह साबित हो गया है कि तय असिसमेंट से कम राशि दर्शाकर कंपनी के कर्ता-धर्ताओं ने नगर निगमों को करोड़ों रूपयों का चूना लगाया। लेकिन बात सिर्फ इतनी ही (Fraud) नहीं है।
लोगों से हजारों रूपयों का टैक्स लेकर इस कंपनी ने नगर निगम के खाते में चंद रूपए ही जमा करवाए। इसके भी साक्ष्य सूचना के अधिकार के तहत हासिल हुए हैं। लोगों से ७२ महीनों का टैक्स वसूला गया और संबंधित व्यक्ति को बाकायदा इसकी रसीद (Fraud) भी दी गई, किन्तु नगर निगम के रिकार्ड में वसूली गई राशि को ९ या १० माह का बताकर बाकी की पूरी राशि दबा दी गई।
दुर्ग निगम के वार्ड क्रं. ६० में ही कई मामले एक के बाद एक खुल रहे हैं। इस वार्ड के स्ट्रीट नं. १, प्लाट नं. ४, नेहरू नगर वेस्ट, कातुलबोर्ड निवासी के. सत्यनारायण प्रसाद पिता स्व. केएस रामचंद्र राव को यह मालूम ही नहीं है कि स्पैरो कम्पनी के लोगों ने उनके साथ क्या खेल कर दिया।
सत्यनारायण प्रसाद से ११ जून २०२१ को २१,७२० रूपए की राशि वसूली गई। रिसीप्ट में हाथ से ही पेड बाय कैश भी लिखा गया। संबंधित व्यक्ति को इसकी रसीद ८ जून २०२१ को दी गई। इसके बाद कंपनी के लोगों का असली खेल शुरू हुआ। ८ जून को रसीद देने के बाद निगम को जो दस्तावेजी रसीद भेजी गई
उसमें उल्लेख है कि के सत्यनारायण प्रसाद से जून २०२१ से मार्च २०२२ तक के १० माह की वाटर फीस यानी पानी का चार्ज (जलकर) महज २००० रूपए लिया गया। मतलब कंपनी के लोगों ने २१,७२० रूपए वसूलकर नगर निगम के खाते में सिर्फ २००० रूपए ही जमा करवाए। ऐसे ही कई और मामले भी सामने आए हैं।
दूसरा मामला भी वार्ड क्रं. ६० स्टील कालोनी का ही है। यहां निरंजन दास पिता रघुनाथ दास से अप्रैल २०१६ से लेकर मार्च २०२२ तक कुल १४,४०० रूपए वसूल किए गए। यह वसूली पानी चार्ज (जलकर) के नाम पर की गई। निरंजनदास का होल्डिंग नंबर ६०००२१७ व कन्यूमर नंबर डीएमसी ६०१३०७२१२४९८७३ है।
मजे की बात है कि संबंधित व्यक्ति को इसकी बाकायदा रसीद भी दी गई, लेकिन नगर निगम के खाते में जो राशि जमा करवाई गई वह सिर्फ १८०० रूपए थी। निगम को स्पैरो कंपनी ने जो रसीद दी उसमें बताया गया निरंजन दास से जुलाई २०२१ से मार्च २०२२ तक के ९ महीने का जलकर वसूला गया।
स्पष्ट है कि स्पैरो कम्पनी ने उपभोक्ता से ज्यादा राशि ली और कम राशि नगर निगम में जमा करवाई। यह नगर निगम जैसी संस्था के साथ सरेआम धोखाधड़ी का मामला है, लेकिन निगम के संबंधित लोगों की मिलीभगत कहें या अज्ञानता कि आंख बंद किए बैठे हैं।
तीसरा मामला भी वार्ड क्रं. ६० स्टील कालोनी का है। यहां रहने वाले इंदरमल जैन पिता पीएम जैन से १३ जुलाई २०२१ को १४,४०० रूपए जलकर के रूप में स्पैरो कम्पनी के टीसी ने जमा लिए। यह राशि पूरे ७२ महीने की थी। लेकिन नगर निगम के रिकार्ड में इसे ९ माह दर्शाया गया और राशि सिर्फ १८०० रूपए बताई गई।
यहां भी जलकर के रूप में राशि लेना बताया गया। इंदरमल जैन का होल्डिंग नं. ६०००३०० है, जबकि कन्ज्युमर नंबर डीएमसी ६०२४१०१७८४२८९ है।
राम नाम की लूट…
नगर निगम में कांग्रेस की सत्ता आने के बाद यहां राम नाम की लूट चल रही है। हर कोई अपने-अपने स्तर पर निगम के संसाधनों का उपयोग कर अपनी जेबें गर्म करने में लगा है।
जानकारों का मानना है कि बिना नगर निगम के जिम्मेदार लोगों की जानकारी के, कोई भी कंपनी इस तरह खुलेआम करोड़ों रूपयों का खेल नहीं कर सकती। इस मामले में नगर निगम के कुछ निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के नाम भी सामने आ रहे हैं।
सूत्र तो यहां तक दावा कर रहे हैं कि इसी तरह की गड़बडिय़ां करके कई लोगों ने शहर व आसपास के इलाके में बड़ी सम्पत्तियां भी बना ली है। आने वाले दिनों में इसका भी जनहित में खुलासा किया जाएगा।