11 लाख के दो इनामी समेत चार नक्सलियों ने किया समर्पण
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इनमें पीएलजीए बटालियन 01 के कंपनी नंबर एक का सेक्शन कमांडर एंव प्लाटून नंबर 1 का सेक्शन डिप्टी कमांडर व महिला नक्सली शामिल
बीजापुर। नवप्रदेश नक्सलियों (naxals) की खोखली विचारधारा से त्रस्त आकर बीजापुर जिले (bijapur district) में चार नक्सलियों ने सोमवार को पुलिस के समक्ष समर्पण (surrender) कर दिया। इनमें से दो पर 11 लाख रुपए का इनाम घोषित था।
समर्पण करने वाले नक्सलियों (naxals) में राकेश उईका उर्फ बिल्ला उर्फ बिल्लू उईका पिता सन्नू उईका (26), कक्केम सुक्कु उर्फ सुख लाल पिता मासा कक्केम (32), बुधरू मोडिय़ाम पिता तुप्पा मोडिय़ाम (30), सोमारी कड़ती पति कक्केम सुक्कु उर्फ सुखलाल (32) शामिल हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने राकेश उईका पर 8 लाख व कक्केम सुक्कु पर 3 लाख का इनाम घोषित कर रखा था।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक राकेश पीएलजीए बटालियन 01 के कंपनी नं. 1 का सेक्शन कमांडर (दक्षिण बस्तर डिविजन) था। वह एसएलआर एलएमजी हथियार लेकर चलता था। वहीं कक्केम सुक्कु भैरमगढ़ एरिया कमेटी अंतर्गत प्लाटून नंबर 13 में सेक्शन डिप्टी कमांडर व एमओपीओएस शिक्षक था।
जबकि बुधरू मोडियाम संगठन में जनमिलिशिया कमांडर, गंगलूर एरिया कमेटी, व सप्लाई टीम सदस्य था। वहीं समर्पित नक्सली सोमारी कड़ती पहले गंगालूर एलओएस सदस्य थी और बाद में एमओपीओएस स्कूल में काम किया।
इन वारदातों में शामिल थे दोनों इनामी नक्सली :
आठ लाख के इनामी राकेश ने मार्च 2011 में सुकमा जिले के तिमापुर (जगरगुंडा) मुरपल्ली में कोया कमांडो के 8 जवानों की हत्या कर दी थी। जून 2011 जिला सुकमा के भेज्जी केरिपु की पेट्रोलिंग पार्टी के चार जवानों की हत्या कर दी थी।
जनवरी 2013 में चिन्तागुफा क्षेत्र में हेलिकॉप्टर फायरिंग की वारदात में शामिल रहा। 2013 में ही मिनपा कैम्प पर हमला किया जिसमें सीआरपीएफ के 3 जवान शहीद हो गए थे। वर्ष 2014 में सुकमा जिले की कसालपाड की वारदात को अंजाम दिया, जिसमें 4 सीआरपीएफ के जवान शहीद हो गए थे।
मार्च 2015 मे पीडमेल में एसटीएफ के साथ फायरिंग में शामिल रहा, जिसमें 8 जवान शहीद हो गए थे। वर्ष 2017 में भेज्जी क्षेत्रान्तर्गत कोत्ताचेरू और गोरखा के बीच हुई एम्बुश की घटना में शामिल रहा, जिसमें सीआरपीएफ व जिला पुलिस के कुल 12 जवान शहीद हुए थे। वहीं तीन लाख का इनामी कक्केम ने 2006 मई में कर्रेमरका विस्फोट को अंजाम दिया था।
इसमें 5 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। वर्ष 2009 में बैलाडीला में विस्फोट किया, जिसमें 4 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। वर्ष 2009 में बेचापाल के जंगल में फायरिंग, इसमें 3 पुलिस वाले शहीद हो गए थे।