-युद्ध से महंगाई का दबाव बढ़ेगा
-मुद्रास्फीति के खिलाफ लड़ाई लंबे समय तक चलने की संभावना
नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन युद्ध (Raghuram Rajan) के बुरे परिणाम होंगे जिससे लंबे समय तक महंगाई बनी रहेगी। आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि देशों के लिए अपने विकास को बनाए रखना मुश्किल होगा। कच्चे तेल और गेहूं समेत कई जिंसों की कीमतों में तेजी आई है। दुनिया के कई हिस्सों में महंगाई पहले से ही उच्च स्तर पर थी और अब इस युद्ध के कारण और बढ़ेगी। रूस-यूक्रेन युद्ध को जोडऩे से केवल मुद्रास्फीति और धीमी विकास में वृद्धि होगी।
अमेरिका और यूरोप में भी यही स्थिति है। युद्ध से मुद्रास्फीति के दबाव बढऩे की संभावना है। मुद्रास्फीति के खिलाफ लड़ाई लंबे समय तक चलने की संभावना है। रघुराम राजन ने कहा कि अमेरिका और अन्य देशों द्वारा रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों के गंभीर परिणाम होंगे।
यूक्रेन पर रूस के आक्रमण ने पश्चिमी देशों को एक साथ ला दिया है। जापान उनके साथ है। पश्चिमी देश सख्त प्रतिबंध लगाना चाहते हैं। इन प्रतिबंधों का असर जरूर होगा। रूस ऊर्जा सहित कई वस्तुओं का प्रमुख निर्यातक है। रूस पर प्रतिबंध से उनकी आपूर्ति में कटौती होगी। इसका वैश्विक अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पडऩे की संभावना है।
साथ ही आपूर्ति के अन्य स्रोतों का उपयोग करके इस नुकसान को कम किया जा सकता है। कच्चे तेल के लिए वेनेजुएला और ईरान के साथ बातचीत चल रही है। अगर ईरान से कच्चे तेल की आपूर्ति शुरू होती है तो यह अच्छी खबर होगी। दूसरा इसे फिर से शेल एनर्जी में देखा जाएगा।
अगले कुछ महीनों में कीमतों में वृद्धि के रूप में आपूर्ति के अन्य स्रोतों का उपयोग करना होगा। कीमतें बढऩे से मांग में भी कमी आएगी। आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में रूस का बड़ा हाथ है। दुनिया वर्तमान में कार्बन ऊर्जा पर बहुत अधिक निर्भर है, जिसे कम करने की आवश्यकता है। रघुराम राजन ने कहा कि अक्षय ऊर्जा पर फोकस फिर से बढ़ सकता है।