Former Deputy Chief Minister : बुरे फंसे मनीष सिसोदिया
Former Deputy Chief Minister : नई दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुसीबतें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। शराब घोटाले में वे पहले ही इतने बुरे फंस चुके है कि अब उनकी सीबीआई और ईडी की जांच के चलते जेल से जमानत पर जल्दी रिहाई होने की संभावना क्षिण होती जा रही है। अब ऊपर से जासूसी कांड को लेकर भी उनके खिलाफ सीबीआई ने जांच तेज की दी है। जासूसी कांड में भी मनीष सिसोदिया लंबे से नप सकते है। यदि जासूसी कांड एन आई ए के हवाले किया गया तो मनीष सिसोदिया का जेल से बाहर आ पाना असंभव की हद तक कठिन हो जाएगा। जिस मनीष सिसोदिया को नई दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कल तक कट्टर ईमानदार और भारत रत्न पुरस्कार का हकदार बताते थे वही मनीष सिसोदिया अब जेल की हवा खा रहे है।
गौरतलब है कि श्री सिसोदिया ईडी की गिरफ्त में पडऩे के वक्त वह सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद थे। सीबीआई की गिरफ्तारी के बाद न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद श्री सिसोदिया को ईडी ने 09 मार्च को जेल में लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। विशेष अदालत ने सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने के मामले में श्री सिसोदिया की जमानत याचिका पर 21 मार्च को सुनवाई करेगी। अदालत ने समय अभाव के कारण 10 मार्च को जमानत याचिका पर सुनवाई अगली तारीख तक टाल दी थी। गौरतलब है कि 26 फरवरी को गिरफ्तार श्री सिसोदिया को 06 मार्च को सीबीआई की हिरासत अवधि पूरी होने के बाद 20 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
अदालत ने सीबीआई के अनुरोध पर श्री सिसोदिया को 04 मार्च तक केंद्रीय जांच एजेंसी की हिरासत में भेजा था, जिसकी अवधि समाप्त होने पर दो दिन की और हिरासत में भेजने का आदेश दिया था। उच्चतम न्यायालय ने गत 28 फरवरी को श्री सिसोदिया की रिट याचिका खारिज करते हुए कहा था कि याचिकाकर्ता दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष गुहार लगा सकता है। श्री सिसोदिया ने अपनी गिरफ्तारी और सीबीआई की जांच के तरीकों पर सवाल उठाते हुए राहत की उम्मीद में शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद श्री सिसोदिया की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था। शीर्ष अदालत से राहत नहीं मिलने के बाद श्री सिसोदिया ने बाद में उसी दिन उप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया था। सीबीआई ने दिल्ली की आबकारी नीति 2021-2022 (विवाद के बाद दिल्ली सरकार ने इस नीति को रद्द कर दिया था) में कथित अनियमितता के मामले में श्री सिसोदिया को 26 फरवरी रविवार को आठ घंटे की लंबी पूछताछ के बाद देर शाम गिरफ्तार किया था।
सीबीआई ने आरोप लगाया था कि श्री सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे, इसीलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया। केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने 17 अक्टूबर 2022 को आम आदमी पार्टी के नेता श्री सिसोदिया से पूछताछ की थी। सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को श्री सिसोदिया और अन्य 14 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।