इतिहास में पहली बार दो दोस्त संभाल रहे थल और नौसेना की कमान

इतिहास में पहली बार दो दोस्त संभाल रहे थल और नौसेना की कमान

New Delhi Army General Upendra Dwivedi Navy General Dinesh Tripathi Command

New Delhi Army General Upendra Dwivedi Navy General Dinesh Tripathi Command

जनरल द्विवेदी बने 30वें सेना प्रमुख, एडमिरल दिनेश त्रिपाठी 30 अप्रैल से ही नौसेना के प्रमुख के रूप में पद पर हैं

  • जनरल मनोज पांडे हुए सेवानिवृत, उपेन्द्र द्विवेदी को प्रभावी ढंग से योजना बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने का भरपूर अनुभव

नई दिल्ली। New Delhi Army General Upendra Dwivedi Navy General Dinesh Tripathi Command: जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने यहां 30वें सेना प्रमुख के रूप में अपना कार्यभार संभाल लिया। उन्हें जनरल मनोज पांडे के स्थान पर नियुक्त किया गया है जो चार दशकों से भी अधिक लंबी विशिष्ट सेवा के बाद सेवानिवृत हो गये। जनरल मनोज पांडे ने यहां साउथ ब्लाक स्थित रक्षा मंत्रालय के कार्यालय में जनरल द्विवेदी को सेना की कमान सौंपी। जनरल पांडे का कार्यकाल पिछले महीने पूरा होना था, लेकिन लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उन्हें एक महीने का सेवा विस्तार दिया गया था।

चालीस वर्षों से सेना में कार्यरत जनरल द्विवेदी एक कुशल सैन्य नेता हैं। वह सैनिक स्कूल, रीवा (मध्य प्रदेश) के पूर्व छात्र रहे हैं और उन्हें 1984 में जम्मू-कश्मीर राइफल्स रेजिमेंट में कमीशन दिया गया था। उन्हें उत्तरी, पूर्वी और पश्चिमी थिएटर कमानों में कार्य करने का अनूठा गौरव प्राप्त है।

ये चुनौतियां हैं नए सेना प्रमुख के सामने

जनरल द्विवेदी ने ऐसे समय में सेना की कमानी संभाली है (New Delhi Army General Upendra Dwivedi Navy General Dinesh Tripathi Command) जब वैश्विक भू-रणनीतिक माहौल निरंतर बदल रहा है, तकनीकी प्रगति और आधुनिक युद्ध के लगातार बदलते चरित्र के कारण सुरक्षा क्षेत्र में चुनौतियां अधिक स्पष्ट हो रही हैं। जनरल द्विवेदी को प्रभावी ढंग से योजना बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने का भरपूर अनुभव है। नये सेना प्रमुख को सुरक्षा क्षेत्र में आधुनिक और उभरती प्रौद्योगिकियों की गहरी समझ है, और संचालन प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों को सैन्य प्रणालियों में उपयोग करने और एकीकृत करने का उनका विचारशील दृष्टिकोण है। यह दृष्टिकोण आत्मनिर्भरता के माध्यम से आधुनिकीकरण और क्षमता विकास की जरूरतों को पूरा करने की दिशा में बढ़ रही भारतीय सेना के अनुरूप है।

सलामी गारद पेश

भारतीय सेना के चेटवुड आदर्श वाक्य में दृढ़ विश्वास रखने वाले जनरल द्विवेदी विश्वास की संस्कृति को बढ़ावा देने, जूनियर अधिकारियों के सशक्तीकरण, सैनिकों की भलाई और वीर नारियों के कल्याण पर भी ध्यान केंद्रित करेंगे। इससे पहले जनरल पांडे ने सेवा निवृत होने से पहले राष्ट्रीय युद्ध स्मारक जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। सेवा निवृत होने से पहले उन्हें सेना की टुकड़ी की ओर से सलामी गारद पेश की गयी।

क्लास 5वीं से ये साथ पढ़े

लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी रविवार को (New Delhi Army General Upendra Dwivedi Navy General Dinesh Tripathi Command) थलसेना प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला, वहीं एडमिरल दिनेश त्रिपाठी 30 अप्रैल से ही नौसेना के प्रमुख हैं। दिलचस्प बात है कि नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी और सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सैनिक स्कूल, रीवा, मध्य प्रदेश में पढ़ाई की है। वे 1970 के दशक की शुरुआत में कक्षा 5वीं से ए तक एक साथ स्कूल में रहे थे। दोनों अधिकारियों के रोल नंबर भी एक-दूसरे के आस-पास ही थे, जैसे लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी का रोल नंबर 931 था और एडमिरल त्रिपाठी का 938 था।स्कूल में शुरुआती दिनों से ही उनके बीच गहरी दोस्ती रही है। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी थलसेना के 30वें प्रमुख बने।

आधुनिकीकरण के दौर से गुजर रही सेना

लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ऐसे समय में थलसेना प्रमुख का पदभार संभाल रहे हैं जब सेना संरचनात्मक सुधारों के साथ आधुनिकीकरण के दौर से गुजर रही है। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी का उत्तरी सेना के कमांडर के रूप में लंबा कार्यकाल रहा है। उनके पास चीन और पाकिस्तान से लगती सीमाओं पर ऑपरेशंस का व्यापक अनुभव है। 1984 में जम्मू एंड कश्मीर राइफल्स में शामिल हुए थे लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी उल्लेखनीय है कि तीनों सेनाओं के प्रमुख 62 वर्ष की आयु तक या तीन वर्ष के लिएअपने पद पर रह सकते हैं। एक जुलाई, 1964 को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी 15 दिसंबर, 1984 को सेना की जम्मू एंड कश्मीर राइफल्स में शामिल हुए थे।

JOIN OUR WHATS APP GROUP

डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *