खाद्य सचिव ने की केंद्रीय सचिव से धान खरीदी, कस्टम मिलिंग और बारदाना पर चर्चा, लंबित खाद्य सब्सिडी की प्रतिपूर्ति के लिए किया अनुरोध
रायपुर/नवप्रदेश। Custom Milling : छत्तीसगढ़ में खरीद विपणन वर्ष 2021-22 में धान खरीदी, कस्टम मिलिंग और नियमित बारदाना आपूर्ति सहित विभिन्न विषयों पर चर्चा को लेकर छग सरकार के खाद्य सचिव टोपेश्वर वर्मा के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने केन्द्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव सुधांशु पांडे और संयुक्त सचिव सुबोध सिंह से सौजन्य मुलाकात की।
केन्द्रीय खाद्य विभाग के अधिकारियों से मुलाकात के दौरान खाद्य सचिव टोपेश्वर वर्मा ने आगामी खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में राज्य में लगभग 105 लाख मीट्रिक टन धान का अनुमानित उपार्जन और इसके लिए राज्य को 5.25 लाख गठान बारदाना की आवश्यकता के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया की भारत सरकार द्वारा राज्य को 2.14 लाख गठान नये जूट बारदाने की आपूर्ति जूट कमिश्नर के माध्यम से किये जाने की सहमति प्रदान की गई है,जो काफी कम है। राज्य को नये जूट बारदानो की आपूर्ति में वृद्धि करते हुए 1.13 लाख गठान एचडीपीई-पी.पी. बारदाने क्रय करने की अनुमति प्रदान करने का अनुरोध किया है। ताकि किसानों से सुगमतापूर्वक धान खरीदी किया जा सके।
छत्तीसगढ़ के खाद्य सचिव द्वारा भारत सरकार को यह भी अवगत कराया गया कि आगामी खरीफ वर्ष 2021-22 में छत्तीसगढ़ में केन्द्रीय पूल के अन्तर्गत 61.65 लाख मीट्रिक टन अरवा चावल लेने एवं उसना चावल (Custom Milling) नहीं लेने की बात कही गई। इस संबंध में केन्द्रीय पूल के अंतर्गत एफसीआइ में 24 लाख मीट्रिक टन अरवा चावल के अतिरिक्त, 23 लाख मीट्रिक टन उसना चावल स्वीकार किये जाने का अनुरोध किया गया। इस दौरान सचिव वर्मा ने छत्तीसगढ़ में उपार्जित किये जाने वाले धान के किस्म व प्रदेश में स्थापित उसना मिलों व इसमें नियोजित मजदूरों के संबंध में भी जानकारी दी। इसके अलावा खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में पंजाब व अन्य राज्यों की भांति समिति कमीशन की राशि समर्थन मूल्य का 2.5 प्रतिशत किये जाने का अनुरोध किया।
खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में चावल जमा की अंतिम तिथि में वृद्धि करने के साथ-साथ एफसीआई अंतर्गत अरवा एवं फोर्टिफाईड अरवा के शेष लक्ष्य को फोर्टिफाईड उसना-सामान्य उसना चावल के लक्ष्य में परिवर्तित करने का भी आग्रह किया। प्रतिनिधि मंडल ने खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में मिलर्स द्वारा मिलिंग हेतु प्रयोग में लाये गये एवं मिलिंग (Custom Milling) पश्चात मिलर के पास शेष बारदानों की दर निर्धारण के संबंध में मार्गदर्शन प्रदान करने भी निवेदन किया। इसके अलावा भारत सरकार द्वारा लंबित खाद्य सब्सिडी की प्रतिपूर्ति, पुराने बारदानो का उपयोगिता शुल्क, परिवहन शुल्क का निर्धारण एवं खरीफ वर्ष 2011-12 से वर्ष 2018-19 तक का अंतिम सीएमआर दर के निर्धारण का भी अनुरोध किया गया। इन विषयों के संबंध में केन्द्रीय सचिव द्वारा समुचित कार्यवाही का आश्वासन दिया गया।