Flax Seed Production Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ बना अलसी बीज उत्पादन का केंद्र, देश को दे रहा 30% योगदान

Flax Seed Production Chhattisgarh

Flax Seed Production Chhattisgarh

Flax Seed Production Chhattisgarh : औषधीय और औद्योगिक उपयोग के कारण अलसी (Flax Seed) की मांग पूरे देश में लगातार बढ़ रही है। इस उभरती हुई जरूरत के बीच छत्तीसगढ़ ने खेती और बीज उत्पादन दोनों में उल्लेखनीय प्रगति की है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के कृषि विज्ञानियों के अनुसंधान और नई प्रजातियों के विकास के कारण राज्य अब अलसी उत्पादन के साथ-साथ प्रजनक बीज (Breeder Seed) उत्पादन में भी देश का अग्रणी केंद्र बन चुका है।

देशभर में अलसी के कुल 101.17 क्विंटल प्रजनक बीज का उत्पादन होता है, जिसमें अकेले छत्तीसगढ़ 30.45 क्विंटल बीज का योगदान देता है – यानी भारत के कुल उत्पादन का लगभग 30 प्रतिशत हिस्सा इस राज्य से आता है। यह उपलब्धि न केवल वैज्ञानिक शोध की सफलता का संकेत है, बल्कि छत्तीसगढ़ की कृषि-क्षमता की नई पहचान भी बनी है।

नई किस्में बनीं छत्तीसगढ़ की पहचान

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के पादप प्रजनन एवं अनुवांशिकी विभाग के प्रमुख डॉ. दीपक शर्मा के अनुसार, विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने अलसी की कई उन्नत किस्में विकसित की हैं, जिनमें इंदिरा अलसी-32, आरएलसी-133, आरएलसी-148, आरएलसी-161 और एलसी-164 प्रमुख हैं।

इन किस्मों की विशेषता यह है कि ये अधिक उत्पादन देती हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी मजबूत हैं। वर्तमान में राज्य में लगभग 45 हजार हेक्टेयर भूमि (Flax Seed Production Chhattisgarh) पर अलसी की खेती की जा रही है, जो आने वाले वर्षों में और बढ़ने की संभावना है।

औषधीय और औद्योगिक उपयोग

अलसी, जिसे आमतौर पर फ्लैक्स सीड कहा जाता है, ओमेगा-3 फैटी एसिड, फाइबर, प्रोटीन और लिगनेन जैसे पौष्टिक तत्वों से भरपूर होती है। यह हृदय रोग, गठिया, मधुमेह, संधिशोथ और मोटापे जैसी बीमारियों में लाभकारी मानी जाती है। वहीं, इसका तेल पेंट, वार्निश, साबुन, स्याही, रंग और रबर उद्योगों (Flax Seed Production Chhattisgarh) में भी व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।

स्वास्थ्यवर्धक खाद्य उत्पादों में बढ़ा उपयोग

अब अलसी केवल खेतों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह स्वास्थ्यवर्धक खाद्य उत्पादों में भी अपनी जगह बना चुकी है। अलसी से बने लड्डू, चिक्की, नानखटाई, बिस्किट, चटनी पाउडर, मुखवास और फ्रूट सलाद जैसी चीज़ें बाजारों में लोकप्रिय हो रही हैं। शहरी उपभोक्ताओं में स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरूकता ने इन उत्पादों की मांग को और तेज़ किया है।

किसानों के लिए लाभदायक फसल

विशेषज्ञों का मानना है कि अलसी एक ऐसी फसल है जो कम लागत में अधिक लाभ देती है। इसके बीज और तेल की बाजार में मजबूत कीमत मिलती है, जिससे किसानों की आय बढ़ी है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक किसानों को रोग नियंत्रण, बीज शुद्धिकरण और आधुनिक खेती तकनीकों का प्रशिक्षण दे रहे हैं, जिससे उत्पादन क्षमता और गुणवत्ता दोनों में सुधार हुआ है।