FIR on GP Singh : एक और अन्य मामले में फंसे,पुलिस ने लेन-देन मामले में दर्ज की FIR,बढ़ी परेशानी….

FIR on GP Singh : एक और अन्य मामले में फंसे,पुलिस ने लेन-देन मामले में दर्ज की FIR,बढ़ी परेशानी….

FIR on GP Singh: Trapped in another case, police registered FIR in transaction case, increased trouble….

FIR on GP Singh

रायपुर/दुर्ग/नवप्रदेश। FIR on GP Singh : निलंबित ADG जीपी सिंह की मुश्किलें कम होती दिखाई नहीं दे रही है। दुर्ग जिले में एक और मामले पर पुलिस ने जीपी सिंह के खिलाफ भिलाई स्मृति नगर थाने में FIR दर्ज किया गया है। इसके पहले भी 17 जुलाई को निलंबित आईपीएस जीपी सिंह के खिलाफ 3 और मामलों में शिकायत रायपुर और राजनांदगांव के थानों में दर्ज किया गया था। जिसके बाद सरकार ने इन तीनों मामले में विशेष डीजी व आईजी को जांच की जिम्मेदारी सौपी थी। ये सभी मामले करीब 9 से 10 साल पुराना है।

धमकी देकर रकम उगाही का मामला

दरअसल,IPS जीपी सिंह पर ACB और EOW की कार्रवाई से इतर अलग-अलग मामले दर्ज होने के बाद उनसे प्रताड़ितों की हिम्मत बढ़ गई है। इसी कड़ी में भिलाई निवासी सूर्य विहार के सड़क ठेकेदार ने 2015-16 का एक मामला स्मृति नगर थाने में दर्ज करवाया है। अब इस पुराने मामले पर शिकायत दर्ज होने के बाद इसकी अलग से जांच की जाएगी और जीपी सिंह को दोषी पाए जाने पर पुलिस एक्शन भी लेगी।

ये था मामला

2015-16 में जीपी सिंह दुर्ग रेंज IG थे। इस दौरान उक्त शिकायतकर्ता सूर्य विहार भिलाई निवासी सड़क ठेकेदार अपने व्यवसाय के सिलसिले में अपने ही साझेदार रणजीत सिंह सैनी से लेनदेन में फंस गया था। मामला थाने तक पहुँचने के बाद तत्कालीन IG जीपी सिंह ने मामले में व्यवसायी को फर्जी केस में भी फंसा दिया था। उसको सुलझाने के लिए व्यवसायी के परिजनों से एक करोड़ की डिमांड की गई थी और पुरे मामले को रफा दफा करने की बात की थी। इस दौरान पीड़ित पक्ष द्वारा 20 लाख रुपये जीपी सिंह को देना बताया गया है। 20 लाख देने के बाद भी साझेदार रणजीत सिंह सैनी से पीड़ित को रकम वापस नहीं मिला। लेकिन केस को तत्कालीन IG ने दबा दिया। बताया गया है कि रणजीत सिंह सैनी से सिंह का करीबी सांठगांठ था।

इन मामलों में चल रही है जांच

राजधानी के देवेंद्र नगर निवासी दुर्लभ कुमार अग्रवाल ने करीब 9 साल पहले के मामले में मुख्यमंत्री, डीजीपी और एनएचआरसी से शिकायत की है कि तत्कालीन आईजी जीपी सिंह ने उनके मामले में बिना जांच के मीडिया में बयान दिया था जो गलत था। इस मामले में जांच के लिए विशेष डीजी अशोक जुनेजा मामले में जांच कर रहे हैं।

दुसरा मामला नक्सलियों से जुड़ा है,जिसमे जीपी सिंह पर आत्मसमर्पित नक्सली पहाड़ सिंह से दो करोड़ रुपये की हेराफेरी करने का आरोप है। जीपी सिंह पर पैसे के गबन के साथ नक्सलियों से सांठगांठ का भी आरोप लगाया गया है। इस मामले में दुर्ग आईजी विवेकानंद सिन्हा को जांच में जुटे हैं।

तीसरे मामले में रायपुर की सामाजिक कार्यकर्ता मंजीत कौर बल ने आरोप लगाया है कि 2016 के एक मामले में आरोपी कमला कांत तिवारी को बचाने में जीपी सिंह की गंभीर भूमिका थी। मंजीत कौर ने डीजीपी से मामले की जांच कराने की मांग की है। इस मामले को रायपुर रेंज आईजी डॉ. आनंद छाबड़ा देख रहे हैं।

बहरहाल अब अनुपातहीन संपत्ति,राजद्रोह के साथ अन्य चार मामलों में भी जीपी सिंह पर पुलिस की कड़ी नजर है। लगातार हो रहे एफआईआर और हाई कोर्ट से याचिका खारिज होने से निलंबित IPS जीपी सिंह की मुश्किलें कम होने के बजाय बढ़ने लगी हैं।

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