अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी, नियंत्रण बनाए रखने की जरूरत : गोपीनाथ
देश की विकास दर 2020 में 7 प्रतिशत रहने की उम्मीद
नई दिल्ली/नवप्रदेश। आर्थिक मंदी (financial crisis) से झूझ रही भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) पर आज गीता गोपीनाथ (Geeta Gopinath )ने देश में उठाए गए कदमों की तारीफ (Appreciation of steps) की। गोपीनाथ ने वित्तीय घाटे को नियंत्रण में बनाए रखने के लिए बैंकों की बैलेंसशीट (Banks balance sheet) को नया और साफ-सुथरा बनाना जरूरी है।
आईएमएफ (IMF) का वैश्विक आर्थिक परिदृश्य को देखते हुए बैंकिंग सेक्टर(banking sector)संकट और देश की वित्तीय (Economy) स्थिति के बारे में उन्होंने कहा कि भारत ने आर्थिक सुधार के लिए उठाए गए कदमों की तारिफ की है और कंपनी कर में कटौती भी शामिल है।
भारत में आर्थिक (Indian Economy) स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए वित्तीय घाटे पर नजर बनाए रखने की जरूरत है। चालू वित्तीय विर्ष में अप्रैल-अगस्त 2019 में देश का वित्तीय घाटा 5.54 लाख करोड़ रुपए गया जिसका बजट अनुमान 78.7 प्रतिशत है। वित्तीय संकट आने से देश में उपभोक्ता और छोटे मझौले उद्योग पर इसका बूरा असर पड़ा है। जिसके कारण भारत की विकास रफ्तार धीमी हो गई है।
इस वित्तय संकट (financial crisis) से निपटने के लिए सरकार को समुचित उपाय के साथ मध्यम वर्गीय उद्योग को बढ़ावा देने की जरूरत है। विकास की रफ्तार में आई भारी गिरावट के कारण आईएमएफ के अनुसार 2020 में विकासद दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है और उम्मीद की जा रही है कि मौजूदा सरकार अर्थव्यवस्था को मजबूत करने कड़े कदम उठाएगी।
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