वित्तमंत्री सीतारमण बोली-निवेश और विकास को बढ़ाने के अवसर का लाभ उठाएं राज्य सरकार..
-जीएसटी क्षतिपूर्ति को नवंबर की शुरुआत तक दिया जा चुका
– 15 राज्य के CM, जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल, दो राज्य के उपमुख्यमंत्री और राज्य के वित्त मंत्री या उनके प्रतिनिधि शामिल
नई दिल्ली। Finance Minister Nirmala Sitharaman: कोरोना काल के बाद लगातार देश की अर्थव्यस्था में सुधार होने के साथ छोटे और बढ़े उद्योगों में आई गति से देश और राज्यों की अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहे हैं। इस बीच वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बैठक बुलाई जिसमें राज्यों के मुख्यमंत्री और वित्तमंत्रियों के साथ-साथ उप राज्यपालों को संबोधित किया।
वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा कि आज देश की अर्थव्यवस्था में सुधार होने के साथ-साथ राज्यों में निवेश और विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस पूरी प्रक्रिया का राज्य सरकार लाभ उठाएं। राज्यों के पास मुद्रकीण योग्य परिसंपत्ति की अपार संभावना है। जिसका लाभ नए बुनियादी ढांचे के निर्माण और अन्य सामाजिक क्षेत्र के लिए उपलब्ध पूंजी को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है।
उन्होंने राज्यों से निवेश और विकास को बढ़ाने के अवसर का लाभ उठाने की अपील की और कहा कि केंद्र सरकार बुनियादी ढांचे पर खर्च को बढ़ावा देने के लिए कर हस्तांतरण के हिस्से के रूप में राज्यों को कुल 95082 करोड़ रुपये जारी करेगा।
वित्त मंत्री (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, मैंने वित्त सचिव को सुझाव दिया है कि 22 नवंबर को सामान्य मासिक किस्त के रूप में 47541 करोड़ रुपये की कर हस्तांतरण राशि के बजाय 47541 करोड़ रुपये और जारी किये जाएं। इस तरह 22 नवंबर को राज्यों को कुल 95082 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।” उन्होंने कहा कि इस पूरे वर्ष के लिए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) क्षतिपूर्ति को नवंबर की शुरुआत तक दिया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद अर्थव्यवस्था काफी तेजी से बढ़ रही है। आयात, निर्यात, पीएमआई निर्माण, डिजिटल भुगतान आदि जैसे संकेतक महामारी से पहले के स्तर पर पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पूंजीगत व्यय बढ़ाने और बुनियादी ढांचे एवं निवेश आधारित विकास को गति देने के लिए ठोस कदम उठाए हैं।
श्रीमती सीतारमण ने राज्यों से आने वाले वर्षों में देश को सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनने में मदद करने का आग्रह करते हुए कहा कि कई मामलों में परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण एक बड़ी बाधा बन गई है। ऐसे में राज्यों को भूमि अधिग्रहण प्रक्रियाओं को सुगम बनाने और निवेश के लिए भूमि बैंक बनाने के लिए प्रयास करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से राज्यों के शहरी स्थानीय निकायों को पहले की तुलना में अधिक आवंटन दिया गया है, साथ ही उन्हें संसाधन जुटाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। ऐसे में राज्यों की जिम्मेवारी है कि वे अपने शहरी स्थानीय निकायों को मजबूत बनाने का प्रयास करें।
इस उच्च स्तरीय बैठक में 15 राज्य के मुख्यमंत्री, जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल, दो राज्य के उपमुख्यमंत्री और राज्य के वित्त मंत्री या उनके प्रतिनिधि शामिल हुए।