Farmers Welfare Committee : बड़ी नाराजगी… ‘कृषक सम्मान’ लौटाने का ऐलान…CM बघेल समेत बड़े नेताओं पर लगे ये आरोप
रायपुर/नवप्रदेश। Farmers Welfare Committee : किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर ने कृषक सम्मान वापस करने की घोषणा की है। उन्हें यह सम्मान 2015 में संयुक्त मध्य प्रदेश के दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत श्यामाचरण शुक्ल के नाम पर दिया गया था। उस समय तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने यह सम्मान दिया था।
गणतंत्र दिवस पर नवा रायपुर क्षेत्र के आंदोलनकारी किसानों ने विरोध जताते हुए कहा कि, गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसानों के भूमि अधिग्रहण पर किसानों का न्याय नहीं करने पर मैं उन्हें यह सम्मान वापस करना चाहता हूं। रूपन चंद्राकर ने कहा, जब कांग्रेस विपक्ष में थी तो वह हमारे आंदोलन के साथ खड़ी थी। उनके सभी शीर्ष नेताओं को यहां की एक-एक समस्या पता है।
सरकार में आने के बाद कांग्रेस नेतृत्व (Farmers Welfare Committee) भी यहां के किसानों से किया गया वादा भूल गया है। ऐसे मेें उनसे मिले सम्मान को रखने का कोई मतलब नहीं बन रहा है। वे एक-दो दिनों में प्रतिनिधिमंडल के साथ राजीव भवन जाकर प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम को यह सम्मान वापस करुंगा।
राहुल गांधी तक पहुंचा चुके हैं अपनी बात
किसान नेता रूपन चंद्राकर ने बताया, राहुल गांधी अपनी हर सभा में यूपीए सरकार के भूमि अधिग्रहण कानून की बात करते हैं। उसमें प्रावधानित चार गुना मुआवजे की बात होती है, लेकिन उनकी पार्टी की सरकार नवा रायपुर में यही मुआवजा देने को तैयार नहीं हो रही है। पिछले दिनों उन्होंने राहुल गांधी से भारत जोड़ो यात्रा के दौरान आगर-मालवा में मुलाकात की थी। वहां उनको सारे दस्तावेज, आंदोलन में शामिल कांग्रेस नेताओं के वादों की फुटेज और बयानों की प्रतियां देकर आये हैं। हरियाणा में यात्रा के दौरान राकेश टिकैत ने भी राहुल गांधी से मुलाकात कर यह बात उठाई है।
नाराजगी की यह वजह बताई
अगर मुख्यमंत्री ने किसान को सम्मानित किया है तो इतने सालों से यहां जो किसान आंदोलनरत हैं, उनकी समस्या का समाधान क्याें नहीं हो रहा है।
मुख्यमंत्री खुद इन किसानों से वार्ता कर समस्या का समाधान नहीं करना चाहते।
नवा रायपुर परियोजना से प्रभावित किसानों की समस्याओं पर मुख्यमंत्री और कांग्रेस कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।
वास्तविक कब्जा के आधार पर आवासीय पट्टा, चार गुना मुआवजा, पुनर्वास नीति का पालन करने का आश्वासन तो दिया जा रहा है, लेकिन उसपर अमल नहीं किया जा (Farmers Welfare Committee) रहा है।