बड़ी खबर : किसान संगठनों को मंजूर नहीं केंद्र के अध्यादेश, हड़ताल का ऐलान
- डॉ. सुनीलम ने बताया- श्रमिक संगठनों और कोयला श्रमिकोंं की हड़ताल को 250 किसान संगठनों का साथ
- किसानों सम्बन्धी तीनों अध्यादेशो को ‘किसानों की लूट कारपोरेट को छूट’ प्रदान करने वाला बताया
भोपाल/नवप्रदेश। देशभर केे 250 किसान संगठनों (farmers union) ने 3 जुलाई को प्रस्तावित श्रमिक संगठनों व 2, 3, 4 जुलाई को प्रस्तावित कोयला श्रमिकों की हड़ताल तथा विरोध प्रदर्शन (protest) को समर्थन देने का फैसला किया है।
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की वर्किंग कमेटी सदस्य एवम किसान संघर्ष समिति के कार्यकारी अध्य्क्ष डॉ सुनीलम (dr sunilam) ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि किसान संगठन (farmers union) , श्रमिकों की मांगों के पक्ष में तथा किसानों के संबंध में लाए गए तीन अध्यादेशों (ordinance) के विरोध मेंं हड़ताल तथा विरोध प्रदर्शन (protest) में शामिल होंगे। डॉ. सुनीलम (dr sunilam) ने बताया कि वर्किंग कमेटी की 29 जून को हुई बैठक में किसानों के खिलाफ लाए गए तीनों अध्यादेशो को ‘किसानों की लूट कारपोरेट को छूट’ प्रदान करने वाली नीति बताते हुए उक्त फैसला लिया गया है।
ये हैं वो अध्यादेश
डॉ. सुनीलम ने बताया कि कृषि उपज, व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन व सुविधा अध्यादेश 2020), मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण समझौता अध्यादेश 2020), आवश्यक वस्तु (संशोधन अध्यादेश 2020) तथा साथ में बिजली कानून (संशोधन) विधेयक 2020) आदि अध्यादेशों (ordinance) को लाकर राज्यों के कृषि संबंधी अधिकार छीन लिए गए हैं तथा कृषि मार्के कानून में भी बदलाव किए हैं।
बताया -अध्यादेशों का ऐसा होगा प्रतिकूल असर
इनसे जमाखोरी व कालाबाजारी बढ़ेगी, फसल के दाम घटेंगे, सरकारी एमएसपी समाप्त हो जाएगा, बाजार में भोज्य पदार्थों के दाम बढ़ेंगे, किसानों की कर्जदारी तथा जमीन से बेदखली व आत्महत्याएं बढ़ेंगी।
एआईकेएससीसी ने डीजल पेट्रोल के दामों में तेज वृद्धि की निन्दा करते हुए कहा कि यह सरकारी टैक्स बढ़ाने के कारण हुआ है। सरकार से मांग की कि टैक्स समाप्त कर ईंधन के दाम तुरन्त घटाए जाएं। एआईकेएससीसी ने श्रम कानूनों में किये जा रहे बदलावों, श्रमिकों के अधिकारों को निरस्त करने की प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाने की केंद्रीय श्रमिक संगठनों की मांग के समर्थन में राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है।
‘लॉकडाउन का किया जा रहा दुरुपयोग’
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति यह मानती है कि केंद्र सरकार द्वारा लॉकडाउन का दुरुपयोग किसानों और मजदूरों के खिलाफ कानून बनाने और कारपोरेट पक्षधर नीतियां तेजी से लागू करने के लिए किया जा रहा है। इस लॉकडाउन में प्रवासी श्रमिकों की खोज खबर तक नहीं ली गयी है और केवल समाज को धर्म के आधार पर बाँटने और देश के संसाधन व बाजार बड़े विदेशी व घरेलू कारपोरेट को सौपने का काम किया जा रहा है। समिति की ओर से देश के सभी किसान संगठनों से स्थानीय स्तर पर 2, 3 व 4 जुलाई को आयोजित राष्ट्रव्यापी प्रतिरोध के कार्यक्रमों में शामिल होने की अपील की गई है।
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