Farmers Return Home : आखिर कब बार्डर खाली करेंगे किसान…
Farmers Return Home : तीन नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के बाद भी किसान संगठन दिल्ली के बार्डर पर अपना आंदोलन बदस्तूर जारी रखे हुए है। किसान संगठनों ने अब नई नई मांगे उठाना शुरू कर दिया है जबकि पूर्व में इनका आंदोलन सिर्फ एक मांग को लेकर था कि तीन कृषि कानून वापस लिए जाएं। एक साल तक चले इस आंदोलन के दौरान किसान नेता लगातार यही नारा लगाते रहे जबतक कृषि कानूनों की वापसी नहीं तब तक किसानों की घर वापसी नहीं।
अब उनकी मुख्य मांग सरकार ने मान ली है और पीएम मोदी की घोषणा पर अमल करते हुए संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन संसद की दोनों सदनों में तीनों कृषि कानूनों को रद्द कर दिया गया है और राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद वे तीनों कृषि कानून खत्म हो गए है फिर भी किसान संगठन बार्डर खाली करने के लिए तैयार नहीं है जबकि सरकार ने उनकी अन्य मांगों पर भी विचार करने का आश्वासन दिया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कमेटी बनाई जा रही है जो इस बारे में विचार करेगी।
इस कमेटी के लिए किसान संगठनों से नाम मांगे गए है और किसान संगठनों ने पांच नाम भी तय कर दिए है। यह कमेटी किसानों की अन्य मांगों को भी सरकार के समक्ष रखेगी और उसपर अमल किया जाएगा। आंदोनल के दौरान जिन किसानों के खिलाफ एफआईआर की गई थी उसे भी संबंधित राज्य सरकारें खत्म करने के लिए तैयार हो गई है। किसान आंदोलन (Farmers Return Home) के दौरान जिन कृषकों की मौत हुई थी उनके परिजनों को मुआवजा देने पर भी विचार हो रहा है।
किसान संगठनों की पलारी जलाने और विद्युत विधेयक को वापस लेने की मांग को भी शैद्धांतिक रूप से सहमती बन गई हैै इसके बाद भी किसान संगठनों का आंदोलन समझ से परे है। किसान संगठनों ने अब सात दिसंबर को अपने अंदोनल के बारे में फैसला करने का निर्णय लिया है। सात तारीख को भी यह आंदोलन खत्म हो जाएगा इसकी कोई गारंटी नहीं है। दरअसल कुछ किसान नेता इस आंदोलन को किसी न किसी बहाने लंबा खींचने की फिराक में है जबकि अधिकांश किसान अब घर लौटना चाहते है लेकिन उन्हे बरगलाया जा रहा है।
जाहिर है इसके पीछे राजनीतिक ताकतें काम कर रही है जो उत्तर प्रदेश और पंजाब सहित पांच राज्यों के लिए होने जा रहे विधानसभा चुनाव तक इस आंदोलन को चलाना चाहती है ताकि इसका राजनीतिक फायदा उठाया जा सकें। किसान संगठनों को इन राजनीतिक दलों के बहकावें में नहीं आना चाहिए और अब अपना यह आंदोलन खत्म (Farmers Return Home) कर देना चाहिए।