Farmer Friendly Policy : गेहूं के रकबे में पौने 3 गुना की बढ़ोत्तरी, तेजी से बदलाव

Farmer Friendly Policy : गेहूं के रकबे में पौने 3 गुना की बढ़ोत्तरी, तेजी से बदलाव

Farmer Friendly Policy: Increase in the area of ​​wheat by three and a half times, changes are happening rapidly

Farmer Friendly Policy

रायपुर/नवप्रदेश। Farmer Friendly Policy : छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी नीतियों और किसानों को दी जा रही सहूलियत के चलते राज्य में खेती-किसानी की स्थिति में तेजी से बदलाव आ रहा है। बीते 3 सालों में छत्तीसगढ़ में गेहूं की खेती को लेकर किसानों का रूझान बढ़ा है।

तीन सालों में हुई बंफर वृद्धि

गेहूं का रकबा औसत एक लाख हेक्टेयर से बढ़कर पौने तीन लाख हेक्टेयर हो गया है। गेहूं के रकबे में यह वृद्धि लगभग पौने तीन गुना है। रबी वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में राज्य में औसत रूप से एक लाख हेक्टेयर में गेहूं की खेती होती थी, जो कि वर्ष 2020-21 में बढ़कर 2 लाख 27 हजार हेक्टेयर तक पहुंच गया। इस साल रबी सीजन में 2 लाख 77 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बोआई के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 2 लाख 32 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बोआई (Farmer Friendly Policy) हो चुकी है। आगामी एक पखवाड़े में लक्ष्य के अनुरूप शत-प्रतिशत रकबे में गेहूं की बोआई पूरी होने की उम्मीद है।

बेमेतरा जिले में सबसे अधिक हुई वृद्धि

कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते तीन सालों में राज्य के बेमेतरा जिले में गेहूं के रकबे में साढ़े तीन गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। बेमेतरा जिले में तीन वर्ष पूर्व औसतन 15 हजार हेक्टेयर गेहूं की खेती होती थी, जो कि वर्तमान में बढ़कर 55 हजार हेक्टेयर से अधिक हो गई है।

राजनांदगांव जिले में गेहूं का रकबा वर्ष 2017-18 में 12800 हेक्टेयर था, जो कि वर्ष 2021-22 रबी सीजन में बढ़कर 33,520 हेक्टेयर हो गया है।

कबीरधाम जिले में भी गेहूं के रकबे में दो गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। कबीरधाम जिले में वर्ष 2017-18 में औसतन 7 हजार हेक्टेयर में गेहूं की खेती होती थी, जो कि वर्तमान में 13 हजार हेक्टेयर से अधिक हो गई है।

दुर्ग जिले में रबी वर्ष 2017-18 की तुलना (Farmer Friendly Policy) में गेहूं का रकबा 6780 हेक्टेयर से बढ़कर 18310 हेक्टेयर तक पहुंच गया है।

इन जिलों में हुई बोनी

धमतरी जिले में इस साल 18800 हेक्टेयर में गेहूं की बोनी की जा रही है।

मुंगेली जिले में 12060 हेक्टेयर में गेहूं की बोनी की जा रही है।

रायगढ़ में 18000 हेक्टेयर में गेहूं की बोनी की जा रही है।

बलरामपुर में 24000 हेक्टेयर में गेहूं की बोनी की जा रही है।

जांजगीर में 7000 हेक्टेयर में गेहूं की बोनी की जा रही है।

बिलासपुर में 6430 हेक्टेयर में गेहूं की बोनी की जा रही है।

सूरजपुर जिले में 12620 हेक्टेयर में गेहूं की बोनी की जा रही है।

सरगुजा में 12000 हेक्टेयर में गेहूं की बोनी की जा रही है।

कांकेर में 3 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बोनी की जा रही है।

जशपुर में 3850 हेक्टेयर में गेहूं की बोनी की जा रही है।

रायपुर में 6880 हेक्टेयर में गेहूं की बोनी की जा रही है।

बलौदाबाजार में 6720 हेक्टेयर में गेहूं की बोनी की जा रही है।

महासमुंद में 5160 हेक्टेयर में गेहूं की बोनी की जा रही है।

गरियाबंद में 2730 हेक्टेयर में गेहूं की बोनी की जा रही है।

कोरिया में 4000 हेक्टेयर में गेहूं की बोनी की जा रही है।

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