Farmer Award : छत्तीसगढ़ के 4 किसानों को मिला पादप जीनोम सेवियर अवार्ड... |

Farmer Award : छत्तीसगढ़ के 4 किसानों को मिला पादप जीनोम सेवियर अवार्ड…

Farmer Award: 4 farmers of Chhattisgarh got Plant Genome Savior Award...

Farmer Award

नई दिल्ली में आयोजित समारोह में केन्द्रीय कृषि मंत्री ने दिये पुरस्कार

रायपुर/नवप्रदेश। Farmer Award : छत्तीसगढ़ के चार किसानों को परंपरागत किस्मों के संरक्षण के लिए पादप जीनोम सेवियर पुरस्कार से नवाजा गया। किसानों को यह पुरस्कार नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में केन्द्रीय कृषि मंत्री ने दिया। किसानों को डेढ़-डेढ़ लाख रुपए और प्रशस्ति पत्र दिया गया।

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के कृषि विज्ञान केन्द्र, बीजापुर, जांजगीर चांपा एवं बालोद के मार्गदर्शन में चारों प्रगतिशील कृषकों ने काम किया। जिसमें लिंगुराम ठाकुर, दीनदयाल यादव, हेतराम देवांगन एवं संजय प्रकाश चैधरी को देशी एवं परम्परागत किस्मों के संरक्षण एवं संवंर्धन के लिए पादप जीनोम सेवियर पुरस्कार मिला। उन्हें डेढ़ लाख रूपये की राशि एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

Farmer Award: 4 farmers of Chhattisgarh got Plant Genome Savior Award...

नई दिल्ली के पूसा परिसर में आयोजित सम्मान समारोह में केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने छत्तीसगढ़ राज्य के चार प्रगतिशील कृषकों सम्मानित किया। यह सम्मान भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण द्वारा प्रति वर्ष देश के कृषकों को देशी एवं परम्परागत किस्मों के संरक्षण, संवंर्धन एवं उन किस्मों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रदान किया जाता है।

सम्मान समारोह (Farmer Award) में कृषि महाविद्यालय, रायपुर के आनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन विभाग के विभागाध्यक्ष एवं पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण, छत्तीसगढ़ के नोडल अधिकारी, डॉ. दीपक शर्मा भी उपस्थित थे। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.एस. सेंगर ने पुरस्कृत कृषकों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। राष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालय एवं प्रदेश का नाम ऊंचा करने हेतु आभार व्यक्त किया है।

पौधा किस्म एवं कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण द्वारा छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के प्रगतिशील कृषक लिंगुराम ठाकुर ने आदिवासी बहुल क्षेत्र में धान की विलुप्त प्राय प्रजातियों के संरक्षण एवं संवंर्धन में अहम भूमिका निभाई है। पादप जीनोम सेवियर पुरस्कार 2021 के तहत छत्तीसगढ़ के कृषि विज्ञान केन्द्र, जांजगीर चांपा के कुशल मार्गदर्शन में कार्यरत कृषक दीनदयाल यादव को छत्तीसगढ़ की 36 भाजियों के संरक्षण एवं पारंपरिक किस्मों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए सम्मानित किया गया है।

कृषक हेतराम देवांगन को सांइ करेला, सांइ लौकी की देशी किस्मों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु भारत सरकार द्वारा सम्मानित किया गया है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के कृषि विज्ञान केन्द्र, बालोद के मार्गदर्शन में कार्यरत कृषक संजय प्रकाश चौधरी को अरकार दुबराज के संरक्षण एवं पारंपरिक ज्ञान से जैविक खेती में विभिन्न नवीन प्रयोगों द्वारा चयनित नवीन किस्मों के संरक्षण हेतु सम्मानित किया गया है।

प्रकाश चौधरी को पंचगव्य से धान की 11 पारम्परिक किस्मों की जैविक खेती करते हैं, जिससे इन किस्मों मे चावल अत्यधिक सुगंध एवं स्वाद में उत्तम पाया गया है। छत्तीसगढ़ के इन प्रगतिशील कृषकों के अथक परिश्रम एवं प्रयासों से देशी किस्मों के संरक्षण में योगदान हेतु छत्तीसगढ़ राज्य का नाम राष्ट्रीय स्तर पर अधिक लोकप्रिय एवं प्र्रशंसनीय रहा है।

Farmer Award: 4 farmers of Chhattisgarh got Plant Genome Savior Award...

उल्लेखनीय है कि अब तक छत्तीसगढ़ राज्य को 2 कृषक समुदाय पुरस्कार, 4 कृषक सम्मान पुरस्कार (Farmer Award) एवं 13 कृषक पुरस्कार छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न जिलों के कृषकों को प्राप्त हो चुके हैं। पौधा किस्म एवं कृषक अधिकार संरक्षण अधिनियम 2001 (पी.पी.व्ही. एवं एफ.आर.ए. 2001) कृषकों की प्रजातियों को संरक्षित करने एवं जैव विविधता को बढ़ावा देने के लिए पादप जिनोम संरक्षण पुरस्कार प्रदान करता हैं। यह अधिनियम विश्व का एक मात्र ऐसा अधिनियम हैं जो किसानों के हित में देशी किस्मों को बचाने एवं बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है। कृषकों को किस्मों के संरक्षण एवं अंश लाभ प्रदान करने के लिए इस प्राधिकरण की स्थापना की गई है।

छत्तीसगढ़ राज्य के कृषकों द्वारा अब तक 1527 देशी किस्मों का पंजीयन कराया जा चुका है। संख्या की दृष्टि से पूरे देश में सर्वप्रथम है, जिनमें से 368 पौध किस्मों का पंजीयन प्रमाण-पत्र प्राधिकरण द्वारा जारी कर दिया गया है, जिसमें धान की 364 किस्में, सरसों की 3 किस्में एवं टमाटर की 1 किस्म को प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया है। इंदिरा गॉधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर इस प्राधिकरण में राज्य के कृषकों के देशी किस्मों के पंजीयन हेतु वर्ष 2014-15 से कार्य कर रहा है।

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