Fake Poor Identity : फर्जी गरीबों की पहचान जरूरी

Fake Poor Identity : फर्जी गरीबों की पहचान जरूरी

Fake Poor Identity: It is necessary to identify the fake poor

Fake Poor Identity

Fake Poor Identity : देश में गरीबी का अजीबो गरीब गोरखधंधा लंबे अरसे से चलता आ रहा है। गरीबों को मिलने वाली विभिन्न शासकीय सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए गरीबी रेखा से ऊपर रहने वालों के बीच भी गरीबी रेखा से नीचे जाने की होड़ लगी हुई है। यही वजह है कि आजादी के बाद से गरीबों के हित को ही मद्देनजर रख कर बनाई जाने वाली तमाम योजनाओं के क्रियान्वयन के बावजूद देश में गरीबों की संख्या कम होने की जगह बढ़ती ही जा रही है।

जाहिर है इसमें बड़ी संख्या फर्जी गरीबों (Fake Poor Identity) की है जो गरीबों के हक को छीन रहे है और कथरी ओढ़कर घी खा रहे है। साधन संपन्न लोग भी बीपीएल कार्ड आसानी से बनवा लेते है और गरीबों को मिलने वाली सुविधाओं का लाभ उठाते है। वोट बैंक की राजनीतिक के चलते कोई भी राज्य सरकार इन फर्जी गरीबों के खिलाफ भी कार्यवाही करने से हिचकिचाती है। न ही केन्द्र सरकार ने कभी इन फर्जी गरीबों की पड़ताल करना जरूरी समझा है जबकि देशहित में यह बेहद जरूरी है कि ऐसे फर्जी गरीबों की पहचान की जाए और उनके खिलाफ उचित कार्यवाही की जाएं।

इस दिशा में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अनुकरणीय कदम उठाया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने मुनाही कराकर ऐसे फर्जी गरीबों को अपना बीपीएल कार्ड सरेंडर करने की चेतावनी दी थी और कहा था कि निर्धारित तिथि के भीतर जो अपात्र लोग अपना बीपीएल कार्ड जमा नहीं करेंगे उन्हे अब तक मिली सभी प्रकार की छूटों का भुगतान करना पडेगा।

योगी सरकार के इस ऐलान के बाद फर्जी गरीबों में हड़कंप मच गया और उत्तर प्रदेश में फर्जी बीपीएल कार्ड सरेंडर करने वाली की भीड़ उमडऩे लगी। इसी तरह की कार्यवाही देश के अन्य राज्यों में भी की जानी चाहिए तभी फर्जी गरीबों का खुलासा हो पाएगा और जो वास्तविक गरीब है उन्हे और ज्यादा सुविधाएं मुहैया कराई जा सकेंगी।

जब वास्तविक गरीबों को अधिक सुविधाएं और छूट मिलेगी तभी उनके जीवन स्तर (Fake Poor Identity) में सुधार आएगा और देश के माथे पर लगे गरीबी के कलंक का टीका हट पाएगा। उम्मीद की जानी चाहिए कि उत्तर प्रदेश सरकार की इस पहल से अन्य राज्य सरकारें भी प्रेरणा लेंगी और अपने अपने राज्यों में ऐसे फर्जी गरीबों की जांच पड़ताल कर उनके बीपीएल कार्ड निरस्त करेंगी। इस मामले में केन्द्र सरकार को भी एक सुस्पष्ट नीति बनानी होगी और गरीबी रेखा का नए सिरे से निर्धारण करना होगा।

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