Exit Polls : समाजवादी पार्टी का विधवा विलाप

Exit Polls : समाजवादी पार्टी का विधवा विलाप

Exit Polls: Widow's lamentation of Samajwadi Party

Exit Polls

Exit Polls : एक्जिट पोल के अनुसार देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में फिर एक बार स्पष्ट बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बनने जा रही है। एक भी एक्जिट पोल में यह नहीं बताया गया है कि समाजवादी पार्टी की सरकार बन सकती है। यह ठीक है कि एक्जिट पोल के पूर्वानुमान हमेशा सही नहीं होते लेकिन अधिकतर एक्जिट पोल १९-२० के अंतर के साथ सही ही साबित हुए है। उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के संकेत मिलते ही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ईवीएम को लेकर विधवाविलाप शुरू कर दिया है।

उन्होने ईवीएम में गड़बड़ी करने के आरोप लगाने के साथ ही चुनाव आयोग (Exit Polls) पर भी निशाना साध दिया है। यही नहीं बल्कि उन्होने मीडिया को भी सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। एक्जिट पोल को उन्होने प्रयोजित बताया है और आरोप लगाया है कि एक्जिट पोल में भाजपा को बढ़त इसलिए दिखाई जा रही है ताकि वोटों की चोरी को छिपाया जा सके। उन्होने शासन प्रशासन पर भी भाजपा के पक्ष में काम करने का आरोप लगाया है। कहने का मतलब यह की समाजवादी पार्टी को न तो ईवीएम पर भरोसा है न शासन प्रशासन पर भरोसा है और न ही चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर उन्हे यकीन है। बस एक समाजवादी पार्टी ही सही है बाकी सब गलत है।

अखिलेश यादव को यदि ईवीएम के सिर पर ठीकरा फोडऩा ही था तो उन्हे कम से कम चुनावी नतीजों की प्रतीक्षा कर लेनी थी लेकिन एक्जिट पोल जिस पर वे यकीन नहीं कर रहे है लेकिन एक्जिट पोल के नतीजों से ही वे कूद कर इस नतीजे पर पहुंच गए है कि उनकी पार्टी का बंठाधार हो रहा है इसलिए तो वे अभी से ईवीएम के साथ छेड़छाड़ के आरोप लगा रहे है। यही नहीं बल्कि उन्होने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को सभी स्ट्रंाग रूमों के पास डेरा डालने का निर्देश भी दे दिया है। जहां जहां ईवीएम रखी गई है वहां समजावादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में जाकर घेराबंदी कर दी है।

उनके हौसले (Exit Polls) इस कदर बुलंद है कि वे पुलिस के साथ भी विवाद कर रहे है और स्ट्रंाग रूम पहुंचने वाले आंला अफसरों की गाडिय़ों की तलाशी भी ले रहे है। अखिलेश यादव ने ईवीएम को लेकर जो विवादास्पद बयान दिया है उसे देखकर यह लगता है कि समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता मतगणना के दौरान कई जगहों पर बवाल खड़ा कर सकते है। इस स्थिति से निपटने के लिए चुनाव आयेाग को कड़े कदम उठाने चाहिए और जो लोग भी मतगणना के दौरान किसी भी प्रकार की गड़बड़ी करें या बवाल खड़ा करें तो उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करने से नहीं हिचकना चाहिए।

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