Exemplary Initiative : उत्तरप्रदेश का पूरा देश अनुसरण करें
Exemplary Initiative : धार्मिक स्थलों पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों के मनमाने उपयोग को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने जो कदम उठाया है वह पूरे देश के लिए अनुकरणीय है। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह की सरकार ने इसका अनुसरण करने की घोषणा कर दी है। भाजपा की धुर विरोधी पार्टी शिवसेना के नेता संजय रावत ने भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारिफ करते हुए उनके निर्णय को बेहतर बताया है। यह अलग बात है कि महाराष्ट्र सरकार ने उत्तर प्रदेश का अनुसरण करने के संकेत नहीं दिए है।
गौरतलब है कि मस्जिदों से लॉउडस्पीकर पर अजान का विरोध सबसे पहले महाराष्ट्र में ही शुरू हुआ था। कुछ साल पहले फिल्मी सोनू निगम ने अजान पर एतराज जताते हुए प्रतिक्रिया दी थी कि अजान की आवाज से उनकी नींद खराब होती है। उस समय बात आई गई हो गई थी। किन्तु हालहि में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने अजान के विरोध में हनुमान चालिसा का पाठ कराकर इस मामले को तुल दे दिया। इसके बाद महाराष्ट्र के बहार अन्य राज्यों में भी अजान और हनुमान चालिसा के पाठ को लेकर राजनीति गरमाने लगी।
उत्तर प्रदेश में (Exemplary Initiative) इसे लेकर कोई विवाद खड़ा होता इसके पहले ही उत्तर प्रदेश केे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह फरमान जारी कर दिया कि मंदिर हो या मस्जिद या और कोई भी धर्मस्थल हो वहां लॉउडस्पीकर की आवाज उस धार्मिक स्थल के परिसर से बाहर नहीं जानी चाहिए। अन्यथा सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी। उनकी चेतावनी का तत्काल असर हुआ और सभी धार्मिक स्थलों से लॉउडस्पीकर उतरने लगे।
लॉउडस्पीकर की आवाज भी कम कर दी गई। योगी सरकार के इस फैसले की सभी ने सराहना की। मध्यप्रदेश सरकार ने तो इसका अनुसरण भी कर लिया। महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों को भी चाहिए कि वे फैसले को अपने यहां भी लागू करें। ताकि यह विवाद खत्म हो और ध्वनि प्रदूषण कम हो। इस बारे में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में जो फैसला दिया था कि रात्री दस बजे से लेकर सुबह छह बजे तक किसी भी प्रकार के ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग नहीं किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश (Exemplary Initiative) की अब तक धज्जियां उड़ाई जाती रही है। अब जरूरत इस बात की है कि सभी राज्य सरकारे सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश का भी कढ़ाई पूर्वक पालन सुनिश्चित करें। ताकि लोगों को बढ़ते ध्वनि प्रदूषण से राहत मिल सके। उम्मीद की जानी चाहिए कि राज्य सरकारे इस मुद्दे को गंभीरता से लेगी और इस दिशा में जल्द से जल्द कारगर कदम उठाएंगी।