रायपुर/नवप्रदेश। Excise Minister : आदिवासी हिंदू नहीं हैं। हम आदिकाल से इस धरती पर रह रहे लोग हैं। हमारे पूजा-पाठ और विवाह का तरीका हिंदुओं से अलग है। आदिवासी को वनवासी कहा जाना गलत है। अगर कोई वनवासी बोलता है तो उसे गांव में न घुसने दें। रायपुर सर्किट हाउस में प्रेस से बात करते हुए आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने भी यही विचार साझा किया।
उन्होंने आगे कहा कि, हम लोग आदिकाल से रहने वाले लोग हैं। हम लोग जंगल में रहते हैं। पूजा-पाठ करते हैं। हिंदू अलग करता है, हम अलग करते हैं। आदिवासी अगर शादी करता है तो गांव के पुजारी से पानी डलवाते हैं। हम किसी पंडित से पूजा नहीं कराते हैं। इसलिए हम लोग हिंदू से अलग हैं। हम जंगल में रहने वाले आदिवासी हैं। बिरसा मुंडा हों, वीर नारायण सिंह हों चाहे हमारे गुंडाधुर हों इस लड़ाई में भी ये लोग अलग रखे हैं। आबकारी मंत्री एक दिन पहले कांकेर जिले में दिए गए भाषण के संबंध में पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे।
डॉ. सिंह और बृजमोहन पर जबरदस्त हमला
सभा में कवासी लखमा ने कहा, ये भाजपा, ये झोला छाप डॉक्टर रमन सिंह और बृजमोहन अग्रवाल हम लोगों को बोलता है वनवासी। इनको मुंहतोड़ जवाब देना है। हम लोग वनवासी नहीं हैं, हम यहां के भगवान हैं। जहां आदिवासी होता है वहीं भगवान पैदा होता है। हम इस धरती के बच्चे हैं। हम बस्तर के लोग हैं। आज से कोई वनवासी नहीं बोलेगा। मैं आदिवासी भाइयों को कहना चाहता हूं कि जो वनवासी बोलेगा उसको गांव में घुसने मत देना।
हमारे देश का नेता राहुल गांधी हिंदुस्तान के आदिवासी को भगवान का दर्जा दिया है। हम लोग भी भगवान के रूप में मानते हैं। जहां जंगल है, जहां पहाड़ हैं वहीं रहते हैं। यह अबूझमाड़ में इसलिए आदिवासी लोगों को पट्टा नहीं दिया। पहली बार वहां भूपेश बघेल की सरकार ने पांच से 10 हजार लोगों को पट्टा दिया है। ये लोग सुकमा और जगरगुंडा में 15 साल तक आदिवासियों को रखे थे हम लोगों ने उन्हें 10 हजार पट्टा दिया। शिविर लगाकर राशन कार्ड, आधार कार्ड तक बनाया। इनको आदिवासी (Excise Minister) के बारे में इस प्रकार से बात करने का अधिकार नहीं है।