हाथियों के नाम कर दी अपनी 5 करोड़ की संपत्ति, 15 साल से…
पटना/ए.। हाथियों (elephants) के नाम बिहार (bihar) के एक शख्स ने अपने बेटे को जायदाद (property) से बेदखल कर अपनी सारी संपत्ति दो हाथियों केे नाम (in the name of elephants) कर दी।
इन हाथियों (elephants) को वह सालों से पालता आ रहा है। इस शख्स का नाम अख्तर इमाम (akhtar imam) है और ये पटना के जानीपुर का रहने वाला है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अख्तर इमाम (imam) ने दोनों हाथियों को अपनी करीब 5 करोड़ की संपत्ति (property) का मालिक बना दिया है।
इमाम के मुताबिक, उनका बेटा गलत रास्ते पर चला गया था, इसलिए उसे जायदाद से बेदखल कर आधी संपत्ति पत्नी और अपने हिस्से की जायदादा हाथियों के नाम (in the name of elephant) कर दी है। उन्होंने बाकायदा रजिस्ट्री ऑफिस जाकर दोनों हाथियों के नाम दस्तावेज भी बनवा दिए हैं।
अख्तर के गुजर जाने के बाद एरावत संस्था की होगी संपत्ति
बिहार केे अख्तर इमाम कहते हैं कि सारी जायदाद हाथियों के नाम कर देने के बाद अगर उन्हें कुछ भी हो जाता है तो सारी संपत्ति एरावत संस्था के नाम हो जाएगी, ताकि इन हाथियों का संरक्षण हो और इन्हें तस्करों से बचाया जा सके। बता दें कि दोनों हाथियों के लिए अपना सब कुछ दान करने वाले अख्तर इमाम को लोग हाथियों वाला कहकर पुकारते हैं।
मोती और रानी है हाथियों के नाम
अख्तर इमाम ने बताया कि उन्होंने अपने दोनों हाथियों का नाम भी रखा हुआ है। एक का नाम मोती तो दूसरे का नाम रानी है। इनके लिए परिवार हो या समाज, सब कुछ हाथी ही हैं। दरअसल, अख्तर इमाम एरावत संस्था के मुख्य प्रबंधक भी हैं। इनका पूरा जीवन हाथियों के लिए ही समर्पित रहा है।
जानलेवा हमले से हाथियों ने बचाया
अख्तर इमाम बताते हैं कि एक बार उन पर जानलेवा हमला करने का प्रयास किया गया था, उसी दौरान हाथी ने उन्हें बचा लिया था। इन्होंने बताया कि एक बार पिस्तौल हाथ में लिए बदमाश जब उनके कमरे की तरफ बढऩे लगे तो हाथी उसे देखकर चिंघाडऩे लगा। इसी बीच उनकी नींद खुल गई और शोर मचाया तो बदमाश भाग निकले।
हाथी के नाम संपत्ति करने पर परिवार का विरोध
अख्तर का आरोप है कि जायदाद के चक्कर में उनके बेटे ने अपनी ही प्रेमिका के साथ दुष्कर्म का झूठा आरोप लगाकर उन्हें जेल भी भिजवा दिया था। लेकिन जांच में यह बात गलत पाई गई। अख्तर आरोप लगाते हैं कि उनके बेटे मेराज ने पशु तस्करों से मिलकर हाथी बेचने की भी कोशिश की थी, लेकिन वह पकड़ा गया। इसलिए अब उन्होंने अपनी पूरी जायदाद हाथियों के नाम कर दी है। अगर हाथी न रहा तो उनके परिवार के किसी सदस्य को कुछ भी नहीं मिलेगा।
10 साल से बीवी बच्चों से दूर रह रहे हैं अख्तर
पटना से लगे जानीपुर निवासी 50 वर्षीय अख्तर इमाम पिछले करीब 10 साल से अपनी बीवी और बच्चे से अलग रह रहे हैं। वे बताते हैं कि वह 12 साल की उम्र से ही हाथियों की सेवा कर रहे हैं। पारिवारिक विवाद की वजह से 10 साल पहले उनकी पत्नी दो बेटे और बेटी के साथ घर से चली गई थीं।
उन्होंने अपने बड़े बेटे मेराज उर्फ रिंकू को गलत रास्ते पर जाते देख उसे जायदाद से बेदखल कर दिया है। इमाम ने बताया कि उन्होंने पत्नी के नाम आधी जायदाद लिख दी है और अपने हिस्से की लगभग 5 करोड़ रुपए की जायदाद, खेत-खलिहान, मकान, बैंक बैलेंस सभी दोनों हाथियों के नाम कर दिया है। अख्तर का कहना है कि अगर दोनों हाथियों की मौत हो जाती है तो यह जायदाद एरावत संस्था को चली जाएगी।