Elephant Train Accident : 8 हाथियों की मौत के बाद अलर्ट मोड में रेलवे मंत्रालय

Elephant Train Accident

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सिलीगुड़ी क्षेत्र में राजधानी एक्सप्रेस की टक्कर से सात हाथियों की दर्दनाक मौत और बाद में घायल हाथी के बच्चे की भी जान चले जाने की घटना ने रेलवे और वन विभाग दोनों को गहरी चिंता में डाल दिया है।

इस भीषण हाथी ट्रेन हादसा (Elephant Train Accident) से सबक लेते हुए अब जंगल क्षेत्रों से गुजरने वाले रेलवे ट्रैकों की निगरानी को कई गुना बढ़ा दिया गया है। घटना के बाद कुल मृत हाथियों की संख्या आठ हो चुकी है, जिसने वन्यजीव सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

हादसे के तुरंत बाद जलपाईगुड़ी जिले के अंतर्गत आने वाले जल्दापाड़ा वन्यजीव क्षेत्र का वन विभाग हरकत में आ गया। कोहरे के मौसम में दृश्यता कम होने के कारण हाथियों के रेलवे ट्रैक पर आने की आशंका बढ़ जाती है। इसे ध्यान में रखते हुए रेलवे लाइन से सटे जंगल क्षेत्रों में विशेष गश्त शुरू कर दी गई है। वनकर्मी दिन-रात ट्रैक के आसपास निगरानी रख रहे हैं ताकि किसी भी संभावित खतरे की समय रहते पहचान की जा सके।

हादसे वाले दिन गश्त कर रहे वनकर्मियों ने रेलवे लाइन से जुड़े प्रमुख हाथी आवागमन कॉरिडोर का गहन निरीक्षण किया। इन इलाकों में हाथियों की नियमित आवाजाही होती है और यही क्षेत्र दुर्घटनाओं के लिहाज से सबसे ज्यादा संवेदनशील माने जाते हैं। निरीक्षण के दौरान ऐसे बिंदुओं को भी चिह्नित किया गया, जहां अतिरिक्त सतर्कता और तकनीकी उपायों की आवश्यकता है। वन विभाग का प्रयास है कि रेलवे और वन प्रशासन के बीच समन्वय को और मजबूत किया जाए।

जल्दापाड़ा वन विभाग के डीएफओ प्रवीण कासवान ने मीडिया को बताया कि हाथियों की गतिविधियों की पहले से जानकारी हासिल करने के लिए रेलवे ट्रैक के किनारे प्रमुख हाथी कॉरिडोर में कैमरे लगाए जाने की योजना तैयार की गई है।

इन कैमरों के जरिए हाथियों की मौजूदगी का रियल-टाइम इनपुट मिलेगा, जिससे ट्रेन संचालन के दौरान समय रहते सतर्कता जारी की जा सकेगी। इससे ट्रेन चालकों को अलर्ट करना आसान होगा और दुर्घटनाओं की संभावना में काफी कमी आने की उम्मीद है।

रेलवे और वन विभाग दोनों का मानना है कि तकनीक और मानवीय निगरानी के संयुक्त प्रयास से ही इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता है। राजधानी एक्सप्रेस हादसे ने यह साफ कर दिया है कि तेज रफ्तार ट्रेनों और वन्यजीवों की सुरक्षा के बीच संतुलन बनाना अब टाला नहीं जा सकता। आने वाले दिनों में निगरानी व्यवस्था और कड़ी किए जाने के संकेत भी दिए गए हैं।