Elephant on Paddy : हाथियों को रोकने का प्रयास सफल, वन मंत्री ने दी ये आंकड़ेवार जानकारी…
भारत सरकार ने दी हाथियों को रेडियो कॉलर लगाने की अनुमति
रायपुर/नवप्रदेश। Elephant on Paddy : छत्तीसगढ़ में लगातार बढ़ रहे हाथी मानव द्वंद को रोकने राज्य सरकार पूरी तरह से सजग दिखाई दे रही है। यहीं कारण है कि वन विभाग के माध्यम से हाथियों को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आने से रोकने के लिए प्रयोग के तौर पर नई योजना ला रही है। जिसमें अतिशेष धान को हाथियों के भोजन के रूप में गांव और शहर के मुख्य द्वार पर रखा जाएगा ताकि हाथी इसे खाकर ग्रामीणों को नुकसान किए बगैर लौट जाए।
हालांकि सरकार की इस योजना को लेकर विपक्ष हमलावर है। एक तरफ सरकार जहां हाथी मानव द्वंद को रोकने की पहल कर रही है, तो वहीं विपक्ष इसे भ्रष्टाचार छिपाने का तरीका बताया था। विपक्ष को तीखे सवालों का जवाब देने बुधवार को वन मंत्री मो. अकबर ने कहा प्रयोग के तौर पर सिर्फ 9 जिलों में क्रियान्वित की गई है, जो बेहद सफल रही।
तीन जगहों पर 14 क्विंटल धान खाया
हाथियों से मानव को होने वाली हानि को रोकने गांवों में हाथियों (Elephant on Paddy) के दल के लिए खुले स्थान पर धान रखने का जो प्रयोग किया गया है, वह सफल होता दिख रहा है। प्रदेश के तीन अलग-अलग वनमंडलों में खुले स्थान पर धान रखा गया था। इसमें से सुरजपूर वनमंडल के तीन स्थानों पर हाथियों के दल ने 14 क्विंटल धान खाया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सुरजपूर, धरमजयगढ़, बालोद वनमंडल में अलग-अलग स्थानों पर खुले में धान रखा गया था। इसमें से सुरजपूर वनमंडल के बंशीपूर 1682, 1683 में हाथी ने 4 क्विंटल धान खाया है। इसी तरह टुकुडांड 43 में 4 क्विंटल तथा बगड़ा पी-9 में हाथी ने 6 क्विंटल धान खाया है। दो स्थानों पर, बेहरामपुर बीट में दो स्थानों पर और हाटी बीट में दो स्थानों पर धान रखा गया, लेकिन हाथी दलों ने नहीं खाया। वहीं बालोद के गोटुलमुड़ा, जबकोरा और मंगलतराई बीट में 20 क्विंटल धान रखा गया था, जिसे हाथी दलों ने नहीं खाया है।
हाथियों की मौजूदगी वाले क्षेत्रों में होगा प्रयोग
वन मंत्री ने बताया, वन विभाग ने रहवासी क्षेत्रों को जंगली हाथियों से बचाने के लिए प्रयोग के तौर पर धान रखने का काम शुरू किया है। इसके तहत पहले अलर्ट सिस्टम के जरिए ग्रामीणों को हाथियों के आगमन की सूचना देनी है। यह जानते हुए कि हाथी भोजन की तलाश में आ रहे धान के बोरों को खोलकर हाथी दल के मार्ग में रखना है, ताकि गांव के बाहर ही भोजन पाने के बाद हाथी मकानों को क्षतिग्रस्त न करें। ऐसा उन्हीं क्षेत्रों में किया जाना है जहां हाथियों की मौजूदगी है। पूरे राज्य में ऐसा नहीं किया जाएगा। वन मंत्री का कहना था, वन विभाग इसके लिए अलग से धान नहीं खरीद रहा है। यह खाद्य विभाग द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान का विभागीय अंतरण है। वन मंत्री ने यह भी दावा किया कि विभाग हाथियों के लिए सड़ा हुआ धान नहीं ले रहा है।
अलर्ट सिस्टम से देंगे ग्रामीणों को जानकारी
वन मंत्री ने बताया, वन विभाग ने रहवासी क्षेत्रों को जंगली हाथियों से बचाने के लिए प्रयोग के तौर पर धान रखने का काम शुरू किया है। इसके तहत पहले अलर्ट सिस्टम के जरिए ग्रामीणों को हाथियों के आगमन की सूचना देनी है। यह जानते हुए कि हाथी भोजन की तलाश में आ रहे धान के बोरों को खोलकर हाथी दल के मार्ग में रखना है, ताकि गांव के बाहर ही भोजन पाने के बाद हाथी मकानों को क्षतिग्रस्त न करें। ऐसा उन्हीं क्षेत्रों में किया जाना है जहां हाथियों की मौजूदगी है। पूरे राज्य में ऐसा नहीं किया जाएगा। वन मंत्री का कहना था, वन विभाग इसके लिए अलग से धान नहीं खरीद रहा है। यह खाद्य विभाग द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान का विभागीय अंतरण है। वन मंत्री ने यह भी दावा किया कि विभाग हाथियों के लिए सड़ा हुआ धान नहीं ले रहा है।
प्रदेश में मौजूद हैं 307 जंगली हाथी
वन मंत्री ने बताया, इस समय प्रदेश में 16 प्रमुख दलों में 307 हाथी प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में मौजूद हैं। हाथियों की मौजूदगी वाले क्षेत्रों में प्रमुख रूप से रेहन, तमोर-पिंगला, बादलखोल अभयारण्य, प्रतापपुर, रघुनाथपुर, तपकरा, कुनकुरी, मनोरा, दुलदुला, छाल, धरमजयगढ़, कापू, लैलूंगा, बोरा, बाकारूमा, कुदमुरा, करतला, पसांद, कटघोरा, रायगढ़, घरघोड़ा, तमनार, बालोद, मैनपुर और कोठारी शामिल हैं।
9 हाथियों को लगा था रेडियो कॉलर
वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया, केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 10 हाथियों को रेडियो कॉलर लगाने की अनुमति जारी की है। इससे पहले भारतीय वन्य जीव संस्थान, देहरादून ने 6 हाथियों को रेडियो कॉलर लगाया था। दो हाथियों को वाइल्ड लाइफ संस्था और एक हाथी को राज्य के वन विभाग ने रेडियो कॉलर पहनाया था। इसमें से एक ही रेडियो कॉलर काम कर रहा है। शेष 8 की बैट्री खत्म हो गई है अथवा गिर गई है। रेडियो कालरिंग के लिए भारत सरकार से अनुमति प्राप्त हो चुकी है और शीघ्र ही रेडियो कालरिंग का काम प्रारंभ किया जा रहा है।
यहीं से उठा धान खिलाने का मामला
छत्तीसगढ़ में सरकार ने जंगली हाथियों (Elephant on Paddy) को खिलाने के लिए सरकारी धान खरीदने का फैसला किया है। यह खरीदी छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन महासंघ से की जानी है। इस धान को वन विभाग हाथी प्रभावित गांवों के बाहर ढेर बनाकर रखेगा, ताकि भोजन की तलाश में निकला हाथी दल को बाहर ही भरपेट भोजन मिल जाए। वन विभाग ने 9 जिलों सूरजपुर, कोरबा, रायगढ़, सरगुजा, महासमुंद, गरियाबंद, बालोद, कांकेर और धमतरी जिलों के लिए बड़े स्तर पर धान खरीदी का प्रस्ताव दिया है।
हाथी-मानव संघर्ष को रोकने सरकार का यह प्रयास
- हाथियों के आगमन की पूर्व सूचना गांवों में वायरलेंस, मोबाईल, एवं माईक से मुनादी की जाएगी।
- ग्रामीणों को हाथियों के साथ साहचर्य बनाने हेतु समझाईश दिया जा रहा है।
- प्रभावित ग्रामीणों को समय-समय पर मुआवजा भुगतान किया गया है।
- बहुद्देश्यीय गजराज वाहन के उपयोग से प्रभावित क्षेत्रों में सहायता पहुंचाया जा रहा है।
- गांव में हाथी मित्र आदि का गठन किया गया है।
- आकाशवाणी कार्यक्रम हमर हाथी हमर गोठ का प्रस्तुत किया जा रहा है।
- हाथियों के आगमन की जानकारी विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त करने इंटरनेट का उपयोग भी किया जा रहा है।
- प्रभावित गांव में ध्वनि, प्रकाश उत्पन्न करने के लिए एप आधारित एलिफेंट अर्लट सिस्टम सजग लगाया गया है।
- हाथी जब रहवास क्षेत्र की ओर जाते हैं तो वह उसी क्षेत्र को क्षतिग्रस्त करते हैं जहां चावल, धान, महुआ रखा होता है।
हाथियों में रेडियो कॉलर की जानकारी
- हाथी वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची-1 का वन्यप्राणी है।
- रेडियो कॉलर लगाने भारत सरकार पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की अनुमति आवश्यक है।
- पूर्व में छत्तीसगढ़ में भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून द्वारा 6 हाथियों का रेडियो कॉलरिंग किया गया।
- वाईल्ड लाईफ एस.ओ.एस. संस्था द्वारा 2 हाथियों को रेडियो कॉलर किया गया।
- वन विभाग छत्तीसगढ़ द्वारा 1 हाथी को रेडियो कॉलर किया गया।
- वर्तमान में 1 हाथी में रेडियो कॉलर कार्य कर रहा है।
- शेष रेडियो कॉलर की बैटरी समाप्त हो गयी है अथवा गिर गया है।
- वर्तमान में भारत सरकार पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय नई दिल्ली से 10 हाथियों को रेडियो कॉलर करने की अनुमति जारी की गयी है।