अच्छी खबर : बस्तर की बदलती तस्वीर, बरसों बाद रेंगापारा से दूर हुआ अंधेरा |

अच्छी खबर : बस्तर की बदलती तस्वीर, बरसों बाद रेंगापारा से दूर हुआ अंधेरा

Electricity reached: After years, darkness turned away from Rengapara, a new dawn in Naxal-affected areas

Electricity Reached

Electricity Reached : नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हुआ नया सवेरा

रायपुर/ बस्तर/नवप्रदेश। Electricity Reached : छत्तीसगढ़ के सुदूर इलाके का एक गांव जहां 21 साल तक अलग राज्य बनने के बाद भी यहां के ग्रामीण बिजली के लिए मोहताज रहे। यह गांव बस्तर संभाग का रेंगापारा है, जो अब 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर रोशन हुआ है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के अंतिम छोर के अंतिम व्यक्ति तक शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाने के प्रयास से अब बस्तर की तस्वीर तेजी से बदल रही है। राज्य सरकार की विशेष पहल से बस्तर संभाग के सुकमा जिले के दुर्गम वनक्षेत्र एवं नक्सल हिंसा प्रभावित ग्राम मिनपा में वर्षों बाद बिजली की रोशनी पहुंचने से ग्रामीण अब एक नया सवेरा देख रहे हैं।

रेंगापारा रौशनी से नहाई

गौरतलब है कि 75वें स्वतंत्रता दिवस सुकमा जिले के ग्राम मिनपा के रेंगापारा वासियों के लिए एक नया सवेरा लेकर आया। घनघोर जंगल और दुर्गम रास्तों से होते हुए लोगों के घरों तक अंधकार से आजादी पहुँची है। बरसों बाद स्वतंत्रता दिवस के दिन जिले के अतिसंवेदनशील नक्सल प्रभावित क्षेत्र ग्राम मिनपा अन्तर्गत रेंगापारा के ग्रामीणों ने नई सुबह का स्वागत किया। दरअसल ग्राम मिनपा निवासियों को वर्षों से बिजली की रोशनी (Electricity Reached) का इंतजार था। मुख्यमंत्री एवं उद्योग मंत्री की विशेष पहल से आखिरकार मिनपा वासियों को यह सुखद पल 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 15 अगस्त की सुबह देखने को मिला। मिनपा से अंधकार अब कोसों दूर चला गया है। राज्य सरकार के प्रयासों से अब मिनपा तक बिजली की रोशनी पहुँच चुकी है।

ग्रामीणों को मिली नई राह

सुकमा जिले के ग्राम मिनपा के ग्रामीणों को लम्बे समय से बिजली का इंतजार था, लेकिन दुर्गम वनक्षेत्र और नक्सली विरोध के कारण ग्रामीणों की यह इच्छा पूरी नही हो पा रही थी। वर्ष 2006 में नक्सलियों द्वारा क्षेत्र में किए गए विकास कार्यों को क्षति पहुँचाई गई। बिजली खंभों को भी उखाड़ फेंका गया था। तब से मिनपा के ग्रामीण अंधकार में रहने को विवश थे।

चार माह में कार्य पूर्ण

क्षेत्रीय विधायक और उद्योग मंत्री कवासी लखमा मिनपा क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास करते रहे हैं। परिणाम स्वरूप मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा मिनपा में विशेष रुचि को लेकर मुख्यमंत्री मजराटोला विद्युतीकरण योजना के तहत मिनपा के रेंगापारा में बिजली लगाने की स्वीकृति दी गई। जिला प्रशासन से मई 2021 में कार्यादेश प्राप्त होते ही विद्युत विभाग ने तत्काल कार्य प्रारंभ किया और महज चार माह में ही दोरनापाल फीडर से टैपिंग के माध्यम से जगरगुण्डा, बुरकापाल होते हुए ग्राम मिनपा तक बिजली पहुंचाई गई।

विद्युतीकरण के लिए लगभग 7.8 किलोमीटर 11केवी लाइन और 2.3 किलोमीटर एलटी लाइन बिछाई गई। इसके साथ ही अलग से ट्रान्सफार्मर स्थापित कर मिनपा के रेंगापारा व मजराटोला तक विद्युत आपूर्ति की जा रही है। इससे अब दुर्गम वनांचल क्षेत्र में रहने वाले 30 परिवारों को अंधकार से आजादी मिली गई है।

Electricity reached: After years, darkness turned away from Rengapara, a new dawn in Naxal-affected areas

चुनौती को दिया मात

सुकमा जिले के अधिकांश अंदरुनी गांवों के विद्युतीकरण (Electricity Reached) में दुर्गम वन क्षेत्र के साथ ही नक्सली विरोध भी एक बड़ी चुनौती थी। वर्ष 2020 में हुए मिनपा हमले के बाद क्षेत्र में कैंप स्थापना की पहल शुरू हुई, जिसके परिणामस्वरुप एक वर्ष बाद मार्च 2021 में गांव के समीप सफलतापूर्वक कैंप की स्थापना की गई। जिसके पश्चात् नक्सल गतिविधियों पर अंकुश लगा और क्षेत्र की तस्वीर बदलने लगी है।

ग्रामीणों में खुशी की लहर

इस क्षेत्र में दुर्गम रास्तों में खम्बों और तारों के परिवहन के लिए वाहनों का आवागमन मुश्किल कार्य था। कैंप की मौजूदगी से सुरक्षाबलों द्वारा निरंतर सुरक्षा सुनिश्चित हुई और विद्युतीकरण का कार्य द्रुत गति से पूर्ण हुआ। नतीजा यह है कि मिनपा गांव के गरीब परिवारों के घर अब बिजली से जगमगा रहे हैं। मिनपा के रेंगापारा में बिजली पहुँचने से ग्रामीणों में खुशी की लहर हैं। मिनपा के ग्रामीणों ने इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उद्योग मंत्री कवासी लखमा के प्रति आभार व्यक्त किया है।

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