संपादकीय: जम्मू कश्मीर में चुनाव एक बड़ी चुनौती

Elections in Jammu and Kashmir a big challenge
Elections in Jammu and Kashmir a big challenge: एक दशक के अंतराल के बाद जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। वहां विधानसभा चुनाव की तिथि घोषित होने के बाद से आतंकवादियों ने फिर से हिंसक घटनाओं को अंजाम देकर कश्मीर में दहशत का माहौल बनाने की कोशिश शुरू कर दी है।
इन बचे खुचे आतंकवादियों के खिलाफ भारतीय सेना और सुरक्षाबल के जवानों ने अपना अभियान तेज कर दिया है। नतीजतन मुठभेड़ में दो आतंकवादी ढ़ेर कर दिए गए। भारतीय सेना अन्य आतंकवादियों की तलाश में सर्च अभियान चला रही है।
दरअसल जम्मू कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया की बहाली पड़ोसी देश पाकिस्तान को रास नहीं आ रही है। यही वजह है कि सीमा पार से जम्मू कश्मीर में अशांति फैलाने की लगातार साजिश की जा रही है।
लोकसभा चुनाव के दौरान भी जम्मू कश्मीर को दहलाने का प्रयास किया गया था। इसके बावजूद जम्मू कश्मीर के लोगों ने लोकसभा चुनाव में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था और इस बार वहां रिकॉर्ड तोड़ मतदान हुआ था।
इससे बौखलाकर आतंकवादियों ने हिंसक घटनाओं को अंजाम देना शुरू कर दिया था। जिसकी वजह से कई भारतीय जवान शहीद हुए थे। उसके बाद भारतीय सेना ने भी आतंकवादियों के खिलाफ अपनी कार्यवाही तेज कर दी थी और चुन -चुन कर आतंकवादियों को जहन्नुम रसीद किया गया था।
अब चूंकि जम्मू कश्मीर विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं इसलिए वहां बचे खुचे आतंकवादी एक बार फिर जम्मू कश्मीर में दहशत फैलाने के नापाक इरादों को अंजाम देने का प्रयास कर रहे हैं।
जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव निश्चित रूप से चुनाव आयोग के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य सिद्ध होने जा रहा है। चुनाव के दौरान वहां आतंकवादी संगठन किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की साजिश रच सकते हैं।
इसलिए यह आवश्यक है कि जम्मू कश्मीर में चुनाव के दौरान सुरक्षाबलों की संख्या और ज्यादा बढ़ाई जाए और आतंकवादियों के खिलाफ कार्यवाही को तेज करने के साथ ही आतंकवादियों के हिमायतियों के खिलाफ भी कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
ताकि जम्मू कश्मीर के लोग निर्भीक होकर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके। सीमा पार सैकड़ों की संख्या में पाकिस्तान प्रशिक्षित आतंकवादी जम्मू कश्मीर में घुसपैठ करने की ताक में बैठे हुए हैं।
इसलिए सीमा पर भी सुरक्षा के और व्यापक इंतजाम करना निहायत जरूरी है। ताकि घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम किया जा सके। पाकिस्तान के नापाक इरादों को मद्देनजर रखकर भारत को चाहिए कि वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने कूटनीतिक प्रयास तेज करें। ताकि पाकिस्तान भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने की हिमाकत न करें।
पाक अधिकृत कश्मीर में एक बार फिर आबाद हो गए आतंकी प्रशिक्षण केन्द्रों के खिलाफ भी भारत को सर्जिकल स्ट्राइक करने से नहीं हिचकिचाना चाहिए। इस तरह के कठोर कदम उठाने से ही जम्मू कश्मीर विधानसभा के चुनाव शांतिपूर्वक हो पाएंगे।