Elections : 318 नेताओं के चुनाव लड़ने पर लगी रोक, चुनाव आयोग ने की कार्रवाई
दिल्ली/नवप्रदेश। Elections : दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने वर्ष 2017 के दौरान निगम चुनाव में किस्मत आजमा चुके 318 नेताओं को अयोग्य ठहराया है। आयोग ने इन नेताओं पर छह साल तक चुनाव लड़ने का प्रतिबंध लगाया दिया है। लिहाजा ये नेता एमसीडी चुनाव में ताल नहीं ठोक सकेंगे। दरअसल, इन नेताओं ने चुनाव आयोग को अपने चुनावी खर्च का ब्योरो नहीं दिया था। हालांकि, ये नेता विधानसभा और लोकसभा का चुनाव लड़ सकते है।
इसके अलावा इन नेताओं पर अन्य राज्यों में कोई भी चुनाव (Elections) लड़ने पर रोक नहीं है। दिल्ली राज्य चुनाव आयोग के अनुसार वर्ष 2017 में तीनों नगर निगम के चुनाव में 2756 उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई थी, इनमें से 318 उम्मीदवारों ने शिकस्त खाने के बाद आयोग को चुनाव खर्च का ब्योरा नहीं दिया। चुनावी नियमों के अनुसार चुनाव खर्च का ब्योरा देना अतिआवश्यक है। ऐसा नहीं करने वालों को चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराने का प्रावधान है।
दिल्ली राज्य चुनाव आयोग के अनुसार सबसे अधिक तत्कालीन उत्तरी दिल्ली नगर निगम के वार्ड नंबर 15 से चुनाव लड़े नेता चुनावी खर्च का ब्योरा नहीं देने वालों में शामिल है। इसी तरह उत्तरी दिल्ली नगर निगम के पांच वार्डों के छह-छह व दो वार्डों के पांच-पांच और तत्कालीन दक्षिण दिल्ली नगर निगम के तीन वार्डों के पांच-पांच उम्मीदवारों ने भी चुनावी खर्च का हिसाब नहीं दिया था। आयोग के अनुसार अयोग्य ठहराए गए नेताओं में कई नेता राजनीतिक दलों से जुड़े हुए है।
भाजपा उम्मीदवार का नामांकन हो चुका है रद्द
दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने कहा है कि अयोग्य ठहराए गए नेताओं के इस बार एमसीडी चुनाव लड़ने के लिए ताल ठोकन पर उनका नामांकन पत्र रद्द कर दिया जाएगा। वर्ष 2007 के एमसीडी चुनाव के दौरान भाजपा ने एक ऐसे ही अपने नेता को उम्मीदवार बना दिया था। चुनाव आयोग ने उस उम्मीदवार का नामांकन पत्र रद्द कर दिया था। दरअसल इस नेता ने वर्ष 2002 में एमसीडी का चुनाव लड़ा था, मगर उसने चुनाव खर्च का ब्यौरा चुनाव आयोग को नहीं दिया। इस कारण उसे चुनाव सेे बाहर का रास्ता देखना पड़ा।
भाजपा ने आप विधायक आतिशी के आरोप को मनगढ़ंत बताया है। पार्टी प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि अतिशी ने तथ्यों की जांच किए बयान दिया है। 6.50 करोड़ रुपये अस्पताल के विकास का बजट नही था। वह केवल भवन बनाने के सिविल कार्य का बजट था और जो अतिरिक्त बजट लगा वह अस्पताल के विद्युतीकरण एवं मेडिकल उपकरण बनाने मे लगा।
आप ने निगम पर लगाया घोटाले का आरोप
आम आदमी पार्टी ने एमसीडी के पूर्णिमा सेठी अस्पताल के निर्माण में 35 करोड़ रुपये का घोटाला होने का आरोप लगाया है। आप विधायक आतिशी ने दावा किया कि पूर्णिमा सेठी अस्पताल 2005 में छह करोड़ 70 लाख रुपये में बनना था, मगर अब तक 35 करोड़ रुपये खर्च होने के बावजूद एमसीडी अस्पताल का निर्माण पूरा नहीं कर पाई है, जबकि एमसीडी में सत्तारूढ़ होने के दौरान भाजपा ने इसे मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल बनाने का वादा किया था।
आम आदमी पार्टी कि वरिष्ठ नेता व कालकाजी से विधायक आतिशी ने कहा कि पिछले 15 साल एमसीडी में भाजपा की सरकार रही। भाजपा ने 15 सालों में सिर्फ भ्रष्टाचार और कुशासन के तोहफे दिए। इसी भ्रष्टाचार और कुशासन का एक बहुत बड़ा प्रतीक कालकाजी में आधा बना पूर्णिमा सेठी अस्पताल है। वर्ष 2005 में एमसीडी ने पूर्णिमा सेठी अस्पताल बनाने की शुरुआत की थी और यह 100 बेड का मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल बनना था, जिसका कुल खर्चा 6 करोड़ 70 लाख आना था, लेकिन पूर्णिमा सेठी अस्पताल वर्ष 2005 में शुरू होकर आज वर्ष 2022 में भी नहीं पूरा नहीं हुआ।
सभी वार्ड में उम्मीदवार उतारेगा शिअद
शिरोमणि अकाली दल ने इस बार अपने बल-बूते पर निगम चुनाव लड़ने का एलान किया है। पार्टी की उच्च स्तरीय बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया। भाजपा के साथ गठबंधन कर एक दर्जन वार्ड में एमसीडी चुनाव लड़ने वाले शिरोमणि अकाली दल (बादल गुट) ने इस बार सभी 250 एमसीडी वार्ड में चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। तकड़ी चुनाव चिह्न पर पार्टी चुनाव लड़ेगी। शिरोमणि अकाली दल के दिल्ली प्रमुख परमजीत सिंह सरना ने बताया कि एमसीडी चुनाव में लगभग 1.46 करोड़ मतदाता हैं। दिल्ली में सिखों की सबसे बड़ी आबादी है। सत्ता की इस ताकत को बेकार नहीं जाने दिया जाएगा। सभी वार्डों में अकाली गर्व से मैदान में उतरेंगे। सिख अपनी पूरी ताकत को इस चुनाव में प्रदर्शित करेंगे।
मतदाताओं से रायशुमारी के बाद प्रत्याशी तय करेगी भाजपा
निगम चुनाव की तैयारी में जुटे प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों का कहना है कि आप को घेरने के लिए लोगों के बीच संपर्क, संवाद को और मजबूत किया जाएगा। उपचुनाव में भाजपा को मिली जीत की जानकारी लोगों तक पहुंचाई जाएगी ताकि यह भी समझाया जा सके कि जब अन्य राज्य के लोगों का विश्वास भाजपा में है। हालांकि, वार्ड परिसिमन ने भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी है। किस वार्ड से कौन कार्यकर्ता मजबूत है, मंडल स्तर के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की रिपोर्ट तैयार की गई है। इसपर सोमवार को पार्टी नेता मंथन करेंगें।
बूथ और मंडल स्तर पर रायशुमारी के बाद यह तय किया जाएगा जीत दर्ज कराने वाला कौन प्रत्याशी हो सकता है। पार्टी का मानना है कि इस बार जीतने वाले प्रत्याशियों के दावे को मतदाता के बीच जाकर पूछा जाएगा। प्रत्याशी टिकट मांगते समय जीत का दावा तो जरूर करते हैं, लेकिन वास्तविकता इससे अलग होती है। लिहाजा दावे की सच्चाई का पता करने के बाद ही टिकट दिया जाएगा। इलाके के 70 प्रतिशत जनता ने विश्वास व्यक्त किया तभी पार्टी उस नेता के नाम पर विचार करेगी।
हर घर संपर्क अभियान में लोगों का मिल रहा समर्थन
निगम चुनाव की घोषणा के साथ ही भाजपा ने प्रचार अभियान तेज कर दिया है। कार्यकर्ता सभी 250 वार्ड में हर घर संपर्क अभियान के तहत ‘सुपर संडे’ मनाया। भाजपा के राष्ट्रीय नेता से लेकर सांसद, विधायक, प्रदेश पदाधिकारी समेत हर मंडल व जिले के कार्यकर्ताओं ने अभियान में भाग लिया।
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत गौतम ने नवीन शहादरा जिले के सुंदर नगरी, नंद नगरी क्षेत्र में, राष्ट्रीय मंत्री डॉ. अलका गुर्जर ने अमर कॉलोनी, श्रीनिवासपुरी, प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता हौज खास, कोटला मुबारकपुर, रामवीर सिंह बिधूड़ी ने मीठापुर, सांसद रमेश बिधूड़ी पालम में, प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति अध्यक्ष आशीष सूद ने जनकपुरी वेस्ट में वोटरों से संपर्क साधा।
जनसंपर्क अभियान के दौरान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि आप सरकार की नाकामी के कारण दिल्ली गैस चैंबर में तब्दील हो गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री पहले कहा करते थे कि पंजाब में पराली जलने के कारण दिल्ली में प्रदूषण होता है और वो पंजाब में सरकार बनाते ही इसको ठीक कर देंगे, लेकिन अब तो पंजाब में भी उनकी सरकार को 8 महीने हो गए हैं, लेकिन दिल्ली में सांस की बीमारी के कारण लगभग हर घर में लोग परेशान हैं।
दुष्यंत गौतम ने कहा कि पूरे भारत में लोग केंद्रीय योजनाओं का लाभ उठा रहे है, लेकिन दिल्ली में एक ऐसी सरकार है जिसने केंद्र सरकार के योजनाओं के लाभ से लोगों को वंचित कर दिया है। डॉ. अलका गुर्जर ने कहा कि प्रदूषण की समस्या से दिल्ली वाले त्रस्त है और उसे सरकार से राहत कार्य की उम्मीद है, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली की जनता के पैसे से गुजरात में चुनाव अभियान चलाने में व्यस्त हैं। ब्यूरो
घटक दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकती है कांग्रेस
एमसीडी चुनाव में आप और भाजपा से मजबूती से दो-दो हाथ करने के लिए कांग्रेस यूपीए का साथ लेगी। इस संबंध में सोमवार को कांग्रेस व यूपीए में शामिल दलों के नेताओं की बीच बैठक हो रही हैं।
इस दौरान सीटों के बंटवारे पर चर्चा होने के साथ-साथ चुनावी मुद्दों पर बात होगी। कांग्रेस ने दिल्ली विधानसभा के पिछले चुनाव में भी यूपीए में शामिल दलों को कुछ सीटें दी थीं। इसके अलावा हाल ही में कांग्रेस ने भाजपा व आम आदमी पार्टी के प्रभाव को कम करने के लिए गुजरात में भी यूपीए में शामिल दलों को सीटें दी हैं। सूत्रों के अनुसार एमसीडी चुनाव के सिलसिले कांग्रेस के नेता और यूपीए में शामिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल (यू), जनता दल (एस), झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता कई दिन से बात कर रहे हैं।
सके अलावा कांग्रेस के नेताओं व शिव सेना (ठाकरे) व राष्ट्रीय लोकदल के नेताओं के मध्य भी चुनावी तालमेल करने पर बात हो रही है। इन दलों के नेता सोमवार को नई दिल्ली में मुलाकात भी करने जा रहे है। इस दौरान वह अपनी इच्छा वाली सीटों की सूची देंगे। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस दो सौ वार्डों पर खुद चुनाव (Elections) लड़ना चाहती है, जबकि 50 वार्ड घटक दलों को देने को तैयार है।