संपादकीय: फिर एक बार निशाने पर चुनाव आयोग

Election Commission on target once again
Election Commission on target once again: बिहार विधानसभा के चुनाव इस साल के अंत तक होने जा रहे हैं लेकिन कांग्रेस पार्टी ने और राष्ट्रीय जनता दल ने अभी से अपनी संभावित हार को मद्देनजर रखकर एक बार फिर चुनाव आयोग पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए बयान दिया है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जनादेश की चोरी की गई है।
इस तरह का आरोप कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियों ने उस समय भी लगाया था जब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित किये गये थे। जिसमें भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन को प्रचंड बहुमत मिला था।
जबकि महाअघाड़ी में शामिल कांग्रेस और शिवसेना यूबीटी तथा शरद पवार की पार्टी का एक तरह से सुपड़ा साफ हो गया था। अपनी इस शर्मनाक हार को कांग्रेस और उसके सहयोगी दल अभी तक पचा नहीं पाये हैं। जबकि चुनाव आयोग ने उनके द्वारा उठाई गई आपत्तियों का जवाब दे दिया था और उनके आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। अब बिहार विधानसभा चुनाव के पहले फिर से गड़े मुर्दे उखाड़कर कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल जैसी विपक्षी पार्टियां व्यर्थ का बवाल खड़ा करने की कोशिश कर रही हैं।
इससे तो यही लगता है कि चुनाव से पहले ही इन विपक्षी पार्टियों ने हार मान ली है। और अभी से अपनी संभावित पराजय का ठीकरा चुनाव आयोग और ईवीएम के माथे पर फोडऩे की कवायद शुरू कर दी है। बेहतर तो यह होगा कि ये बीती ताही बिसार कर आगे की सुध लें और बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को कड़ी टक्कर देने के लिए आपसी एकजुटता को मजबूत करें। इस तरह के आरोप लगाने से इन दलों की ही कमजोरी उजागर होगी।