संपादकीय: चुनाव आयोग और विपक्ष आमने सामने

Election Commission and opposition face to face
Editorial: बिहार में चुनाव आयोग द्वारा कराये जा रहे एसआईआर को लेकर चुनाव आयोग और विपक्षी पार्टियां आमने सामने आ गई है। दोनों के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। बिहार में एसआईआर का विरोध सबसे पहले तो राष्ट्रीय जनता दल ने शुरू किया था लेकिन जल्द ही पूरा आईएनडीआईए इसके विरोध में मैदान में आ गया। लोकसभा के मानसून सत्र के दौरान आईएनडीआईए में शामिल विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग पर भाजपा की मिलीभगत से वोट चोरी करने का आरोप लगाया और कई दिनों तक संसद के बाहर और भीतर इस मुद्दे को लेकर प्रदर्शन किया।
इसके बाद लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बैंगलोर में एक पत्रकार वार्ता आयोजित कर कर्नाटक के एक विधानसभा क्षेत्र में वोटों की चोरी का खुलासा किया और चुनाव आयोग से इस पर जवाब मांगा। नतीजतन चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से अपने आरोपों को लेकर एक हलफनामा देने की बात कही जिससे राहुल गांधी ने यह कहकर इंकार कर दिया कि वे न सिर्फ एक सांसद हैं बल्कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष भी हैं इसलिए वे कोई हलफनामा नहीं देंगे। इसके बाद कांग्रेस के नेतृत्व में आईएनडीआईए ने बिहार में वोटर अधिकार यात्रा शुरू कर दी है जिसमें राहुल गांधी के अलावा राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव तथा तेजस्वी यादव आदि ने एक बार फिर भाजपा और चुनाव आयोग पर जमकर हमला बोला है और उनपर वोट चोरी का आरापे लगाया है।
आईएनडीआईए के इन आरापों के जवाब में भाजपा ने भी पलटवार करने में देरी नहीं की और भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने एक पत्रकार वार्ता लेकर आजादी के बाद से ही वोट चोरी करने का कांग्रेस पर आरोप जड़ दिया। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी तक पर भाजपा नेताओं ने वोट चुराने के आरोप लगाये। आईएनडीआईए और एनडीए के बीच चल रही इस जुबानी जंग के बाद अब चुनाव आयोग भी मैदान में उतर आया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कान्फ्रेंस आयोजित कर विपक्ष द्वारा लगाये गये सारे आरोपों का सिलसिले वार जवाब दिया है और कहा है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और यहां दुनिया की सबसे बड़ी मतदाता सूची बनती है।
भारत में शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव को सारी दुनिया की प्रशंसा मिलती रही है किन्तु विपक्षी पार्टियां वोट चोरी के बेबुनियाद आरोप लगा रही है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने वोट चोरी के जो आरोप लगाये हैं उस बारे में वे एक सप्ताह के भीतर हलफनामा दें या फिर देश से मांफी मांगे। उन्होंने कहा है कि यह दावा करना निराधार है कि किसी का नाम मतदाता सूची में दो बार दर्ज है और उसने दो बार मतदान किया होगा। ऐसा आरोप लगाना देश के प्रबुद्ध मतदाताओं को अपराधी बनाना है। इसके बावजूद चुनाव आयोग खामोश रहा लेकिन जब विपक्ष ने वोटों की चोरी का आरोप लगाकर बवाल खड़ा करना शुरू कर दिया तो चुनाव आयोग को सामने आना पड़ा।
उन्होंने महाराष्ट्र का उल्लेख करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में जब वोटरों की संख्या बढ़ी थी उस समय विपक्ष ने कोई दावा आपत्ति पेश नहीं की थी अब जबकि महाराष्ट्र में चुनाव हो चुके हैं और नई सरकार बन चुकी है तब इस मुद्दे को लेकर व्यर्थ का बवाल खड़ा करना गलत है। हमारे मतदाताओं के बारे में यह कहना कि वह फर्जी है यह भी अनुचित है और इसके लिए विपक्ष के नेताओं को देश से माफी मांगनी चाहिए। हालांकि चुनाव आयोग ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि यदि राहुल गांधी एक सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल नहीं करते और माफी भी नहीं मांगते तो उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जाएगी। किन्तु मुख्य चुनाव आयुक्त ने वोट चोरी के आरोप को लेकर विपक्ष को जो खरी खरी सुनाई है उससे विपक्षी पार्टियों ने अब मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ महाभियोग लाने पर विचार करना शुरू कर दिया है ।
आईएनडीआईए की एक बैठक में इस मुद्दे पर विचार विमर्श किया गया और यह निर्णय लिया गया है कि आवश्यकता पडऩे पर निर्धारित नियमों के अंतर्गत मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाकर उन्हें पद से हटाने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। कुल मिलाकर एसआईआर को लेकर अब विपक्षी पार्टियों और चुनाव आयोग के बीच में तलवारें खींच चुकी हैं इसका अंजाम क्या होगा यह देखना दिलचस्प होगा।