संपादकीय: मुफ्त रेवडिय़ों से वोट कबाडऩे की कवायद
Effort to steal votes from free cash: मुफ्त रेवड़ी कल्चर के जनक नई दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने जनता की अदालत कार्यक्रम के दौरान सचमुच में लोगों को मुफ्त रेवड़ी के पैकेट बांट दिए।
गौरतलब है कि नई दिल्ली में छह माह बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। जो भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे अरविंद केजरीवाल के लिए अग्रि परीक्षा की घड़ी साबित हो सकती हैं।
शराब घोटाले में खुद अरविंद केजरीवाल जेल की हवा खा चुके हैं। तात्कालीन आबकारी मंत्री और उपमुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया तो लगभग एक साल तक जेल में रह चुके हैं ये दोनों ही नेता जमानत पर छुटे हैं।
अरविंद केजरीवाल को तो सुप्रीम कोर्ट ने इस शर्त पर जमानत दी है कि वे मुख्यमंत्री के रूप में कोई काम नहीं कर सकते यही वजह है कि उन्हें मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र देना पड़ा है और अपनी जगह आतिशी को मुख्यमंत्री बनाना पड़ा है।
अब अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी से मुक्त होने के बाद अभी से नई दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारी में जोर शोर से जुट गए हैं। उन्होंने जनता की अदालत नामक कार्यक्रम चालू किया है।
जिसका मकसद नई दिल्ली के लोगों की सहानुभूति पाकर आगामी विधानसभा चुनाव में फिर से अपनी सरकार बनाना है। इस कार्यक्रम के दौरान वे खुद को कट्टर ईमानदार बताते हैं और केन्द्र की भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हैं कि उसने उन्हें झूठे मामले में फंसाया है।
अब उन्होंने नई दिल्ली के बाशिंदो को मुफ्त की रेवडिय़ां बांटना भी शुरू कर दिया है। एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उनपर मुफ्त की रेवड़ी बांटने का आरोप लगाते हैं लेकिन वे मुफ्त की रेवड़ी बंाटते रहेंगे।
नई दिल्ली के लोगों को मुफ्त बिजली पानी, बुजुर्गों के लिए मुफ्त तीर्थ यात्रा, महिलाओं के लिए नि:शुल्क बस यात्रा और हर महीने एक-एक हजार रुपए की राशि देने के साथ ही सभी लोगों को मुफ्त में शानदार शिक्षा और नि:शुल्क स्वास्थ्य सुविधा देने का काम आम आदमी पार्टी की सरकार बदस्तूर जारी रखेगी।
अरविंद केजरीवाल इस फ्री वाले फॉर्मूले को छोड़ भी नहीं सकते क्योंकि इसी फॉर्मूले को अपनाकर उन्होंने नई दिल्ली में दो बार प्रचंड़ बहुमत से अपनी सरकार बनाई है और इसी फॉर्मूले को अपनाकर उन्होंने पंजाब में भी दो तिहाई बहुमत से अपनी सरकार बनाने में कामयाबी हासिल की है।
इसीलिए वे अभी से फ्री रेवड़ी कल्चर का गुनगान करते हुए वोट कबाडऩे की कोशिश में जुट गए हैं। कोई बड़ी बात नहीं एक बार फिर फ्री रेवड़ी कल्चर के कारण वे नई दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का परचम लहराने में कामयाब हो जाए। मुफ्त की चीजें सभी को अच्छी लगती है।
आम मतदाता चुनाव के दौरान यही देखता है कि कौन सी पार्टी मतदाताओं को क्या क्या चीजें मुफ्त में उपलब्ध कराने जा रही है। विकास कभी चुनावी मुद्दा नहीं बनता और ना ही अब भ्रष्टाचार चुनावी मुद्दा बनता है।
यही वजह है कि आम आदमी पार्टी की देखा देखी अन्य राजनीतिक पार्टियां भी फ्री रेवड़ी कल्चर को अपना रही है और अपने अपने चुनावी घोषणापत्रों में मुफ्तखोरी को बढ़ावा देने वाली घोषणाओं की झड़ी लगा रही है।
इसका उन्हें चुनावी लाभ भी मिल रहा है। यह सीधे मतदाताओं को प्रलोभन परोसना है जिससे चुनाव की निष्पक्षता पर सवालिया निशान लगता है। यह खेद का विषय है कि न तो सरकार मुफ्त रेवड़ी कल्चर को बंद करने के लिए कारगर कदम उठा रही है
और न ही चुनाव आयोग कोई प्रभावी पहल कर पा रहा है। अब सुप्रीम कोर्ट से ही यह उम्मीद है कि वह मुफ्त रेवड़ी कल्चर पर रोक लगाने के लिए दिशा निर्देश जारी करेगा।