संपादकीय: सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगाने प्रभावी पहल जरूरी

संपादकीय: सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगाने प्रभावी पहल जरूरी

Effective initiative necessary to stop road accidents

stop road accidents


Effective initiative necessary to stop road accidents: बरसात के मौसम में सड़क दुर्घटनाएं बढ़ती ही हैं। इसकी एक मुख्य वजह सड़कों पर बैठने वाले पालतू पशु होते हैं। जिनकी वजह से रात के अंधेरे में वाहन चालक खासतौर पर दुपहिया वाहन चालक दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। इन बढ़ती सड़क (stop road accidents) दुर्घटनाओं को रोकने लिए प्रभावी पहल किए जाने की जरूरत बड़ी शिद्दत से महसूस की जा रही थी।

अब छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और उन्होंने प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टरों के साथ चर्चा कर विभिन्न स्थानों पर आवारा पशुओं के कारण होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कहा है कि सड़कों (stop road accidents) पर पशुओं का जमावड़ा न लगे इसके लिए ऐसे स्थानों को चिन्हांकित कर उनकी विशेष निगरानी की जाए और सड़कों पर विचरण करने और वहीं बैठने वाले पशुओं को पकड़कर उन्हें गौशालाओं में समुचित व्यवस्था के साथ रखा जाए।

चिन्हांकित मार्गों पर पशुओं को हटाने के लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए जाए। राज्य शासन के इस निर्णय के बाद उम्मीद की जानी चाहिए कि अब पशुओं के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी। उल्लेखनीय है कि पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार ने नरवा गरवा घुरवा बारी योजना के तहत सड़कों पर विचरण करने वाली गायों को गौशाला में रखने के लिए जगह जगह गौठान का निर्माण कराया था।

इस योजना का जोर शोर से प्रचार भी किया था लेकिन ऐसे गौठानों में पशुओं के लिए पर्याप्त चारा उपलब्ध नहीं कराया गया था। जिसकी वजह से गौठानों में पशुओं की संख्या कम होने लगी और कई गौठान तो समुचित व्यवस्था के अभाव में बंद हो गए। इसलिए राज्य सरकार को चाहिए कि वह पशुओं को जिन गौशालाओं में रखना हो।

वहां उनके चारे और पानी का इंतजाम करें। इस काम के लिए राज्य सरकार को स्वयं सेवी संगठनों का सहयोग भी लेना चाहिए। प्रदेश में ऐसे कई संगठन हैं जो गौ सेवा कर रहे हंै। उनका सहयोग सरकार को मिल सकता है।

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